Tablighi Jamaat case: विदेशियों को ब्लैकलिस्ट करने के मामले में SC ने केंद्र से पूछा- क्या वीजा रद करने का आदेश हुआ था
Tablighi Jamaat case सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा है कि क्या इन लोगों का वीजा रद करने का आदेश जारी हुआ था? इस मामले में अब 2 जुलाई को फिर सुनवाई होगी।
नई दिल्ली [माला दीक्षित]। Tablighi Jamaat case: दक्षिण दिल्ली में हजरत निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज जमात के कार्यक्रम में भाग लेने वाले विदेशियों को ब्लैकलिस्ट करने के मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा है कि क्या इन लोगों का वीजा रद करने का आदेश जारी हुआ था? इस मामले में अब 2 जुलाई को फिर सुनवाई होगी। विदेशियों ने वीजा रद करने और ब्लैक लिस्ट करने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
यह है पूरा मामला
गौरतलब है कि मार्च महीने में कोरोना महामारी फैलने दौरान हजरत निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज में बड़ी संख्या में विदेशी जमाती शामिल हुए थे। जमात के कार्यक्रम में शामिल होने वाले 34 विदेशियों ने वीजा रद करने और ब्लैक लिस्ट करने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। याचिकाकर्ताओं ने वीजा बहाल करने के साथ वापस अपने देश जान की इजाजत भी मांगी है।
तबलीगी मरकज जमात में शामिल हुए 2500 विदेशी नागरिकों के भारत आने पर 10 साल का प्रतिबंध लगा दिया गया है। इनमें से बहुत से विदेशी नागरिकों को पहले ही ब्लैकलिस्ट किया जा चुका था। ये सभी टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे।
वहीं, कोरोना वायरस का संक्रमण फैलाने के आरोपित विदेशी नागरिकों ने दिल्ली हाई कोर्ट में भी याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने ठहराए गए स्थान पर सुविधाओं के अभाव का आरोप लगाते हुए दूसरे स्थान पर भेजने की मांग की है। याचिका पर सोमवार को सुनवाई हो सकती है।
अधिवक्ता आशिमा मंडला के माध्यम से दायर याचिका में विदेशी नागरिकों ने दलील दी कि मिराज इंटरनेशनल स्कूल में उन्हें रखा गया है। यहां 65 लोगों के लिए पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। इसलिए मीराज इंटरनेशनल स्कूल से उन्हें टेक्सन पब्लिक स्कूल में स्थानांतरित करने की अनुमति दी जाए। दिल्ली उच्च न्यायालय ने निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज में आयोजित धार्मिक आयोजन में शामिल होने वाले 955 विदेशी नागरिकों को 28 मई को स्थानांतरित करने की अनुमति दी थी।
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