हिरासत में लिए गए मनोज तिवारी समेत कई भाजपा नेताओं को पुलिस ने छोड़ा
दिल्ली सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी समेत कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया। हालांकि बाद इन्हें छोड़ दिया गया। ...और पढ़ें

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। दिल्ली में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामले को लेकर केजरीवाल सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी समेत कई नेताओं को पुलिस ने सोमवार को हिरासत में ले लिया। हालांकि कुछ देर के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। मनोज तिवारी और अन्य नेताओं को राजेंद्रनगर पुलिस थाने ले जाया गया था।
दिल्ली भाजपा प्रदेश महामंत्री कुलजीत चहल ने ट्वीटर पर इसकी जानकारी देते हुए कहा कि दिल्ली सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे भाजपा नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। उन्होंने ट्विटर पर एक तस्वीर भी पोस्ट की है। जिसमें मनोज तिवारी के साथ कुछ अन्य भाजपा नेता और पुलिसकर्मी भी दिख रहे हैं।
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भाजपा नेता कुलजीत सिंह चहल के मुताबिक मनोज तिवारी के नेतृत्व में पार्टी के नेता राजघाट पर प्रदर्शन के लिए गए थे। मुख्यमंत्री अरविंद पर उन्होंने आरोप लगाया कि कोरोना मरीजों के इलाज में लापरवाही बरती जा रहा है और इसी मुद्दे को लेकर ये प्रदर्शन किया जा रहा था।
दरअसल सत्ता पक्ष व विपक्ष के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। भाजपा ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए दिल्ली सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने का फैसला किया है। सोमवार को सरकार के खिलाफ नौ स्थानों पर भाजपा ने प्रदर्शन करने की बात कही थी, लेकिन राजघाट पर प्रदर्शन के दौरान ही भाजपा नेता हिरासत में ले लिए गए।
भाजपा का आरोप है कि दिल्ली में कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज करने वाले अस्पतालों में किए गए इंतजाम पर्याप्त नहीं हैं। भाजपा नेताओं का कहना है कि कोरोना अस्पतालों को लेकर सीएम का दावा झूठा है।
दिल्ली ने केंद्र मांगे 5000 करोड़
लॉकडाउन के चलते आर्थिक तंगी से जूझ रही दिल्ली सरकार ने केंद्र से तुरंत पांच हजार करोड़ रुपये की मांग की है। दिल्ली सरकार ने कहा है कि वेतन के लिए भी पैसे नहीं हैं। इसलिए यह राशि अविलंब उपलब्ध करा दी जाए। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस बारे में केंद्रीय वित्त मंत्री को पत्र लिखा है।
रविवार को डिजिटल प्रेसवार्ता में सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली सरकार ने अपने न्यूनतम खर्च की समीक्षा की है। इसके अनुसार केवल वेतन तथा कार्यालयों के रखरखाव पर न्यूनतम 3500 करोड़ का मासिक खर्च है। जीएसटी व अन्य स्नोत मिलाकर प्रथम तिमाही में कुल 1735 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ है। पिछले साल इस अवधि में 7799 करोड़ का राजस्व संग्रह हुआ था। वर्तमान में दिल्ली को न्यूनतम 5000 करोड़ की आवश्यकता है।

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