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    Nizamuddin: तबलीगी मरकज में रुकने वालों की रोज दी जाती है पुलिस-CID को जानकारी

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Tue, 31 Mar 2020 02:16 PM (IST)

    ,Nizamuddin हजरत निजामुद्दीन स्थित तबलीगी मरकज को धार्मिक प्रचार के लिए जाना जाता है। यहां से देश और विदेश के लिए जमातें जाती हैं।

    Nizamuddin: तबलीगी मरकज में रुकने वालों की रोज दी जाती है पुलिस-CID को जानकारी

    नई दिल्ली [शुजाउद्दीन]। Nizamuddin'sTabligi Markaz: दक्षिण दिल्ली का इलाका निजामुद्दीन इलाका यूं तो धार्मिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है, लेकिन अब यह कोरोना वायरस को लेकर चर्चा मे हैं। दरअसल, 18 मार्च को हुए तबलीगी मरकज जमात में हजारों लोगों ने शिरकत की थी। अब तकरीबन 1500 लोगों कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आते दिखाई दे रहे हैं, इनमें 24 में तो कोरोना वायरस की पुष्टि हो चुकी है।

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    तबलीगी मरकज में रुके हुए थे 1400 से अधिक लोग

    गौरतलब है कि हजरत निजामुद्दीन स्थित तबलीगी मरकज को धार्मिक प्रचार के लिए जाना जाता है। यहां से देश और विदेश के लिए जमातें जाती हैं। मरकज के सामने यह चुनौती होती है कि इतने लोगों काे कहां पर रखा जाए। मरकज से जुड़े लोगों का कहना है कि मरकज में हमेशा सात हजार लोग रहते हैं, इनमें वह लोग भी हैं जो विदेश और दूसरे राज्य के होते हैं। लॉकडाउन की वजह से बहुत से लोग चले गए, जो नहीं जा पाए वह मरकज में हैं।

    क्या होता है मरकज में

    तब्लीगी मरकज जमात का मुख्यालय है, जहां से देश और विदेश में जमातें जाती हैं। मरकज के अध्यक्ष मौलाना साद हैं। हर बृहस्पतिवार को मरकज में दीनी जोड़ (कार्यक्रम) होता है, जिसमें इस्लाम के बारे में बताया जाता है। इसमें दिल्ली समेत देशभर के लोग शामिल होते हैं।

    जमात क्या होती है

    जमात एक समूह को कहते हैं, जिसमें पांच से ज्यादा लोग शामिल होते हैं। जमात की अवधि तीन दिन से शुरू होती है और 40 दिन और चार महीने से लेकर पांच माह तक की होती है। जमात के लोग इस अवधि के लिए एक क्षेत्र को चिन्हित करते हैं, इसके बाद वहां की मस्जिदों में दो से तीन दिन रुककर इस्लाम कर प्रचार करते हैं। इसके बाद दूसरी मस्जिद का रुख करते है। 40 दिन, चार और पांच माह की जमात की समय अवधि जब पूरी होती है तो वह तबलीगी मरकज जाते हैं। पांच माह की जमात विश्व के कई देशों में जाती हैं।

    मरकत में हर वक्त सात हजार लोग रहते ही रहते हैं

    मरकज में हर दिन हजारों लोग आते हैं। यहां 10 हजार से ज्यादा लोगों के रुकने की व्यवस्था है। मरकज में रहने वाले लोगों के अनुसार हर दिन सात हजार लोग रहते ही रहते हैं। मरकज की बिल्डिंग सात मंजिला है और इसमें दो बेस्मेंट हैं। विदेशी नागरिक अलग रुकते हैं, जबकि महिलाओं के रुकने की अलग व्यवस्था है।

    विदेशों की हर जानकारी रजिस्टर दर्ज की जाती है

    मरकज से जुड़े लोगों के अनुसार जो लोग विदेश से आते हैं, उनकी सारी जानकारियां एक रजिस्टर में नोट की जाती है। हर रोज उस जानकारी को पुलिस और सीआइडी को दी जाती है।