Delhi Violence: शिव विहार में हुई फलीस्तीन के गाजा पट्टी जैसी तबाही
इलाके में अर्धसैनिक बल लगा होने के बावजूद उनकी सिसकियां रूक नहीं रही। लोगों ने गलियों में लकड़ी के बैरिकेड लगाए हुए हैं कहीं दंगाई वापस न आ जाएं। ...और पढ़ें

नई दिल्ली [शुजाउद्दीन]। लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में, तुम तरस नहीं खाते बस्तियां जलाने में। बशीर बद्र का यह शेर शिव विहार के मौजूदा हालत को बयां कर रहा है। इन दंगों में शिव विहार फलीस्तीन के गाजा पट्टी के शहर के जैसे तबाह हो गया है। दंगाइयों ने बड़ी संख्या में मकानों व दुकानों को आग लगाई है। दंगों की वजह से आधी से ज्यादा बस्ती खाली हो चुकी है, यहां सिर्फ रह गए हैं तो वह है दंगों के निशान। जो लोग हैं उनमें इतना डर और खौफ है कि वह दो से तीन लोगों को एक साथ देख भी रहे हैं तो घरों में छीप जा रहे हैं। इलाके में अर्धसैनिक बल लगा होने के बावजूद उनकी सिसकियां रूक नहीं रही। लोगों ने गलियों में लकड़ी के बैरिकेड लगाए हुए हैं, कहीं दंगाई वापस न आ जाएं।
दंगे में करीब चार सौ मकान खाली हो चुके हैं, घर नहीं लौट रहे लोग
करीब चार सौ मकान ऐसे हैं, जो खाली पड़े हैं। इन मकानों को या तो जलाया गया है या उनमें तोड़फोड़ की गई है। शिव विहार दिल्ली-यूपी का बॉर्डर इलाका है। पीड़ितों का कहना है कि यूपी के लोनी और मुस्तफाबाद के लोगों की वजह से शिव विहार जला है। जैसे फलीस्तीन और इजराइल की वजह से गाजा पट्टी जलती है। यहां दोनों पक्षों के लोगों को नुकसान हुआ है। एक नहीं कम से कम 20 गलियां खाली पड़ी हैं, जहां कोई नाम लेने वाला तक नहीं है। पीड़ितों का कहना है लोनी और मुस्तफाबाद की तरफ से भीड़ आई और उनका सब कुछ तहस नहस करके चली गई। शायद ही अब वह शिव विहार वापस लौट सकें।
दंगादयों ने सिलेंडर ब्लास्ट करके घरों को किया तबाह
यमुनापार में सबसे भयावह स्थिति शिव विहार-25 फूटा रोड की हुई है। सड़क के एक और शिव विहार फेज-छह है और दूसरी तरफ फेज-सात। 25 फरवरी को यहां दंगाइयों ने पहले घरों को लूटा और उसके बाद घरेलू गैस सिलेंडर में आग लगाकर घरों को तबाह कर दिया। जिन घरों में सिलेंडर ब्लास्ट किए गए हैं वह ढह गए हैं। गलियों में फटे हुए सिलेंडरों के परखच्चे तबाही की खौफनाक तस्वीरें बयान कर रहे हैं। एक वीडियों भी वायरल हुआ है, जिसमें दिख रहा है कि एक गली में सिलेंडर पड़ा है उसमें से आग निकल रही है। एक पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचता है और सिलेंडर के चारों तरफ गिला कपड़ा लगाकर आग बुझाता है। उसके बाद सिलेंडर को नाली में फेंक देता है।
मोबाइल की टोर्च जलाकर पुलिस ने किया रेस्क्यू
दंगाइयों ने जगह-जगह आग लगा रखी थी। आग की वजह से बिजली के तार जल गए, लाइट चली गई। घरों व दुकानों से बस आग की लपटे निकल रही थी। लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे। रात दो बजे के आसपास एसीपी खजुरी खास हरीश चंद्र कुकरेती दंगाइयों का सामना करते टीम के साथ इलाके में पहुंचे। अंधेरा था, पुलिस ने रोशनी के लिए मोबाइल की टोर्च जलाई और लोगों को बताया कि पुलिस आ गई है। इस दौरान पुलिस ने करीब 150 लोगों को रेस्क्यू किया।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।