Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Heroes of Delhi Violence: बाबू खान ने जलने से बचाईं कई हिंदुओं की दुकानें

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Sat, 29 Feb 2020 08:31 AM (IST)

    Heroes of Delhi Violence यमुनापार में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के मुद्दे पर भड़की हिंसा के बाद पांचवें दिन कुछ प्रभावशील इलाकों की मार्केट खुलने लगी है।

    Heroes of Delhi Violence: बाबू खान ने जलने से बचाईं कई हिंदुओं की दुकानें

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Heroes of Delhi Violence : नूर-ए-इलाही रोड दंगों की आग में जल रहा था, दंगाई एक-एक करके रात को दुकानों को फूंक रहे थे। इसी दौरान बाबू खान अपने भाई के साथ रोड पर हंिदूू दुकानदारों के लिए फरिश्ता बनकर पहुंचे। दोनों भाइयों ने मिलकर हंिदूू समुदाय के लोगों की कई दुकानें लूटने और आगजनी से बचाई। लेकिन बाबू खान खुद अपनी दुकान को बचा नहीं सके।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बाबू खान की नूर ए इलाही रोड पर स्टील के सामान की दुकान है, वहां से थोड़ी दूरी पर ही उनका घर है। उनके भाई जमील अहमद डॉ. हेडगेवार अस्पताल में डॉक्टर हैं। बाबू खान ने बताया कि 24 फरवरी को वह अपने घर पर थे, अचानक तेज आवाज आनी शुरू हो गई। परिवार सहम गया, वह अपने भाई के साथ बाहर निकले और नूर ए इलाही रोड पर गए। वहां का भयावह मंजर देखकर उनके पैरों तले से जमीन निकल गई।

    उन्होंने बताया कि हजारों की संख्या में दंगाई नूर ए इलाही रोड पर एक-एक कर दुकानों को जला रहे थे, उनके सामने जो आ रहा था वह उसे पीट रहे थे। दंगाई सड़क पर बने मकानों पर पत्थर बरसा रहे थे, उनके हाथों में हथियार थे। देखते ही देखते दंगाइयों ने उनकी दुकान को आग लगा दी, तभी दंगाई वर्धमान ट्रे¨डग नाम से कपड़ों की दुकान चलाने वाले लाला राजेश जैन की दुकान पर पहुंचे। दंगाई उस दुकान को आग लगा पाते उससे पहले ही दोनों भाई ढाल बनकर दुकान के आगे खड़े हो गए।

    उन्होंने दंगाइयों से कहा कि दुकान को आग लगाने से पहले उनकी लाश से गुजरना होगा। बाबू ने बताया कि उन्होंने दस से ज्यादा दुकानें बचाई हैं। राजेश जैन ने बताया कि अगर यह दोनों मुस्लिम भाई न होते तो दंगाई उनकी दुकान को जला देते।

    बता दें कि सोमवार से लेकर बुधवार तक चली हिंसा के दौरान 40 से अधिक लोगों की अब तक जान जा चुकी है।