Delhi Violence: ब्रजपुरी में दंगाइयों ने तीन स्कूलों को फूंका, पुलिस के पास पुख्ता सुबूत
Delhi Violence राजधानी स्कूल डीआरपी अरुण मॉडर्न स्कूल में सबकुछ जलकर खाक हो चुका है बस भवन ही बचा है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। ब्रजपुरी रोड पर तीन निजी स्कूल बने हुए हैं, तीनों को दंगाइयों ने फूंक दिया। स्कूली में तैनात गार्डो ने भागकर अपनी जान बचाई है। राजधानी स्कूल, डीआरपी, अरुण मॉडर्न स्कूल में सबकुछ जलकर खाक हो चुका है, बस भवन ही बचा है।
स्कूल संचालकों का आरोप है कि दंगाइयों ने जान बूझकर स्कूलों को निशाना बनाया है, वह नहीं चाहते कि बच्चे शिक्षित हों। अरुण मॉडर्न स्कूल पूर्व विधायक भीष्म शर्मा का है। स्कूल की प्रधानाचार्य ज्योति रानी ने कहा कि दंगाइयों ने स्कूल की लाइब्रेरी में अलमारी में रखी किताबों को निकालकर उनमें आग लगाई है।
ब्रजपुरी में दंगाइयों ने तीन स्कूलों को फूंका
अरुण मॉडर्न स्कूल के सुरक्षा गार्ड पवन ने बताया कि मंगलवार शाम को अचानक से हजारों की संख्या में दंगाइयों ने स्कूल पर हमला कर दिया, मैं जान बचाने के लिए स्कूल छोड़कर भाग गया। दंगाई स्कूल में घुसकर आग लगा रहे थे। उनके सिर पर खून सवार था। स्कूल में यदि बच्चे होते थे दंगाई उन्हें भी मार देते।
वहीं राजधानी स्कूल के सुरक्षा गार्ड मनोज ने बताया कि सोमवार के दिन दंगाई स्कूल में घुस गए, मुझे और मेरे परिवार को पीटा। मैं किसी तरह से अपनी पत्नी और दो छोटे बच्चो को लेकर स्कूल से निकला और कुछ दूर एक घर में जाकर छिप गया। दंगाइयों ने स्कूल में आग लगा दी, सामान चोरी करके ले गए। मैं और मेरा परिवार तीन दिन तक भूखे रहे, जब तीसरे दिन पुलिस सड़क पर दिखी तो उस मकान से निकलकर वापस स्कूल में आया। जब स्कूल पहुंचे तो पुलिस ने खाना खिलाया।
दिल्ली के अमन और शांति के लिए संगठनों ने दिया धरना
दिल्ली के कई इलाकों में हो रही हिंसा के बीच कुछ सामाजिक संगठनों ने दिल्ली के अमन और शांति की बात कही। बुधवार को जंतर-मंतर पर 50 से अधिक सामाजिक संगठनों ने दिल्ली के हालात पर अपना दुख जताते हुए शांति बनाए रखने की मंच से अपील की। साथ ही सभी संगठनों ने धरना देकर मंच से अपनी बात कही। धरना प्रदर्शन में पहुंचीं कम्युनिस्ट पार्टी की नेता वृंदा करात ने कहा कि दिल्ली की जनता शांति चाहती है। दिल्ली की अपनी एक संस्कृति है, जिसे कुछ लोग योजना बनाकर खत्म करना चाहते हैं। इसके कारण दिल्ली में ¨हसा हो रही है, जिससे आम लोग बहुत परेशान हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह जीटीबी अस्पताल में घायलों को देखने के लिए गई तो पता चला कि अब तक दर्जन भर लोगों के शव अस्पताल से जा चुके हैं।