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    2012 Delhi Nirbhaya case: अक्षय की क्यूरेटिव पेटिशन भी सुप्रीम कोर्ट से खारिज, फांसी की सजा से नहीं मिली राहत

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Thu, 30 Jan 2020 02:49 PM (IST)

    2012 Delhi Nirbhaya case निर्भया के गुनहगार अक्षय ने फांसी की सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल की थी। ...और पढ़ें

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    2012 Delhi Nirbhaya case: अक्षय की क्यूरेटिव पेटिशन भी सुप्रीम कोर्ट से खारिज, फांसी की सजा से नहीं मिली राहत

    नई दिल्ली []। 2012 Delhi Nirbhaya case: सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को अपने फैसले में निर्भया के दोषी अक्षय की क्यूरेटिव पेटीशन खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने अक्षय की फांसी पर रोक लगाने की मांग भी ठुकरा दी है। ऐसे में अब उसकी फांसी का रास्ता भी साफ हो गया है। बता दें कि निचली अदालत ने निर्भया के चारों दोषियों को 1 फरवरी को फांसी देने की तारीख तय कर रखी है।

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    वहीं, निर्भया के गुनहगार अक्षय ने फांसी की सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दी। वहीं, एक अन्य दोषी विनय ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल की है, जबकि दोषी पवन ने अभी तक न तो क्यूरेटिव याचिका दाखिल की है और न ही दया याचिका। निचली अदालत ने चारों दोषियों को फांसी देने के लिए एक फरवरी की तारीख तय कर रखी है। दोषियों के नए पैंतरे से एक फरवरी को फांसी टलने के आसार लग रहे हैं।

    इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मुकेश की एकांत कारावास में रखे जाने की दलील भी खारिज कर दी थी। मुकेश की पुनर्विचार और क्यूरेटिव याचिका पहले ही सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है। एक दोषी विनय की ओर से बुधवार को वकील एपी सिंह के जरिये राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल की गई। चौथे दोषी पवन के वकील एपी सिंह का कहना है कि पवन की ओर से पहले उसके नाबालिग होने की याचिका खारिज करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाएगी। हो सकता है कि पवन की ओर से गुरुवार को यह याचिका दाखिल कर दी जाए।

    गौरतलब है कि दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 की रात पैरामेडिकल छात्र निर्भया से चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। छात्र से इस कदर दरिंदगी की गई थी कि बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक से चारो अभियुक्तों मुकेश, पवन गुप्ता, अक्षय सिंह और विनय कुमार शर्मा को मृत्युदंड दिया जा चुका है।

    दोषियों के स्वास्थ्य पर भी नजर

    अभी दोषियों के स्वास्थ्य पर भी जेल प्रशासन की नजर है। रोजाना दो बार स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। रिपोर्ट को रोजाना दोषियों के स्वास्थ्य फाइल में दर्ज किया जा रहा है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी यह तय करेंगे कि इनका शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य ठीक है और इन्हें फांसी दी जा सकती है।