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    शर्मनाक! 6 साल से अस्पताल की राह देख रहे सरिता विहार के लोग

    दक्षिणी दिल्ली में मरीजों की स्वास्थ्य सेवाएं बढ़ाने के लिए सरिता विहार में 87.15 करोड़ की लागत से 100 बिस्तर के अस्पताल का प्रस्ताव 2014 जुलाई में रखा गया था।

    By Pooja SinghEdited By: Updated: Thu, 02 Jan 2020 02:31 PM (IST)
    शर्मनाक! 6 साल से अस्पताल की राह देख रहे सरिता विहार के लोग

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दक्षिणी दिल्ली में मरीजों की स्वास्थ्य सेवाएं बढ़ाने के लिए सरिता विहार में 87.15 करोड़ की लागत से 100 बिस्तर के अस्पताल का प्रस्ताव 2014 जुलाई में रखा गया था। अस्पताल का निर्माण द्वारका में तैयार किए गए 700 बिस्तर क्षमता वाले अस्पताल की तर्ज पर होना था।दावा किया गया था कि अस्पताल 2016 तक बनकर तैयार हो जाएगा, लेकिन अभी तक सिर्फ अस्पताल का शिलान्यास ही हुआ है। अस्पताल में सघन चिकित्सा कक्ष के अलावा डे केयर हर प्रकार के टेस्ट और जांच पड़ताल और आपातकालीन सेवाओं के दावे हवा हवाई साबित हुए हैं।

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    सरिता विहार में काफी समय पहले एक 100 बेड के सरकारी अस्पताल का शिलान्यास हुआ था। उसके लिए जगह भी पड़ी है। लेकिन कई साल बीतने के बाद अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। इलाके में कोई मोहल्ला क्लीनिक भी नहीं है जबकि बगल में ही स्थित शाहीन बाग इलाके में दो-दो मोहल्ला क्लीनिक हैं। इस क्षेत्र में कोई बड़ा सरकारी अस्पताल नहीं है। यहां के लोगों को एम्स या सफदरजंग जाना पड़ता है।

    इन लोगों को होगा फायदा

    सरिता विहार में अस्पताल बन जाने से सरिता विहार समेत मदनपुर खादर, जामिया नगर, शाहीन बाग, जैदपुर, मीठापुर और आस-पास के लोगों को आसानी से चिकित्सकीय सुविधाएं मिल पाएंगी। अस्पताल निर्माण की घोषणा जुलाई 2014 में की गई थी लेकिन अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है।

    तीन निजी अस्पतालों को दिल्ली हाई कोर्ट ने जारी किया नोटिस

    आर्थिक रूप से कमजोर व गरीबों का मुफ्त इलाज करने के संबंध में अदालत के आदेश का उल्लंघन करने के खिलाफ दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने तीन निजी अस्पतालों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका के अनुसार तीनों अस्तपालों को सब्सिडी पर सरकार की तरफ से भूमि आवंटित की गई है और नियम के तहत यहां पर आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के लिए मुफ्त इलाज अनिवार्य है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद भी निजी अस्पताल ऐसा नहीं कर रहे हैं।