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    जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने गठित की दो जांच समिति, होगी पुलिस की भूमिका पर जांच

    By Prateek KumarEdited By:
    Updated: Sun, 29 Dec 2019 09:46 PM (IST)

    15 दिसंबर के दिन विश्वविद्यालय परिसर के बाहर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शन किया गया था। ...और पढ़ें

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    जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने गठित की दो जांच समिति, होगी पुलिस की भूमिका पर जांच

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जामिया नगर में हुई हिंसा के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हुई तोड़फोड़ की जांच के लिए विवि प्रशासन ने दो आंतरिक कमेटी गठित की हैं। यह कमेटी हिंसा व तोड़फोड़ के मामले में पुलिस की भूमिका की जांच करके रिपोर्ट तैयार करेगी। विवि प्रशासन इस रिपोर्ट को जांच एजेंसियों को सौंप सकता है। इसके बाद इसी रिपोर्ट के आधार पर विवि प्रशासन इस मामले में भविष्य में कोई निर्णय लेगा।

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    15 दिसंबर के दिन विश्वविद्यालय परिसर के बाहर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शन किया गया था। इस प्रदर्शन के दौरान भीड़ हिंसक हो गई थी। इसके बाद पुलिस व लोगों के बीच संघर्ष हो गया था। इसमें पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों में से कुछ लोग जामिया कैंपस में घुस गए थे, जिन्होंने पुलिस पर पथराव किया था।

    इन्हें पकड़ने के लिए वह कैंपस में दाखिल हुई थी। वहीं जामिया प्रशासन का कहना है कि पुलिस विवि प्रशासन की अनुमति के बिना लैब तक घुसी और वहां तोड़फोड़ करने के साथ ही छात्रों के साथ मारपीट की गई। जामिया प्रशासन का यह भी दावा है कि लैब में बैठे छात्र प्रदर्शन में शामिल नहीं थे। वहीं, जामिया के रजिस्ट्रार एपी सिद्दीकी ने दो कमेटी का गठन करते हुए आदेश दिया है कि यह कमेटी उस दौरान घायल छात्रों और उनके स्वास्थ्य के रिकॉर्ड को देखेगी।

    प्रदर्शन के दौरान प्रभावित छात्रों के बयान भी लिए जाएंगे। साथ ही प्रत्यक्षदर्शी से भी बातचीत की जाएगी। इसके अलावा कमेटी वीडियो फुटेज, तस्वीरों व मीडिया रिपोर्ट भी देखेगी। इसके साथ ही विश्वविद्यालय की अकादमिक गतिविधियों को भी सामान्य करने का प्रयास करेगी। पहली कमेटी में 9 सदस्य हैं, जिसके कंवेनर ज्वाइंट रजिस्ट्रार डॉ अब्दुल मलिक हैं। वहीं दूसरी कमेटी में 15 सदस्य हैं। जिसके कंवेनर स्टूडेंट वेलफेयर डीन हैं। दूसरी कमेटी रिपोर्ट तैयार करके पहली कमेटी को इनपुट सौंपेगी। उम्मीद की जा रही है कि यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद जामिया प्रशासन किसी स्वतंत्र एजेंसी को रिपोर्ट सौंप सकता है। इसके बाद आगे की कार्रवाई किए जाने की संभावना है।