तीन एसीपी सहित 81 पुलिसकर्मियों पर लटकी जबरन सेवानिवृत्ति की तलवार
दिल्ली के पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक द्वारा पुलिस विभाग में बड़े पैमाने पर सफाई अभियान के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति क्लॉज के जरिए
-पुलिस विभाग की तरफ से उपराज्यपाल को सौंपी गई सूची जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली के पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक द्वारा पुलिस विभाग में बड़े पैमाने पर सफाई अभियान के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति क्लॉज के जरिये 81 पुलिसकर्मियों की सेवा पर तलवार लटक गई है। सूची में तीन एसीपी और बाकी 78 पुलिसकर्मी इंस्पेक्टर और इससे नीचे के पद पर तैनात हैं। सूची में शामिल तीन एसीपी कथित तौर पर भ्रष्ट आचरण में शामिल हैं। इसके अलावा पुलिस आयुक्त ने आठ और एसीपी की भी पहचान की है, जो बर्खास्त होने की कार्रवाई से पहले पहले एक बार अपना पक्ष रखेंगे। पुलिस आयुक्त ने हटाने के लिए प्रक्रिया शुरू करने के लिए दिल्ली प्रशासन को तीन एसीपी के नाम भेजे थे। प्रशासनिक रूप से, इंस्पेक्टर को हटाने और अवनति करने की शक्ति दिल्ली पुलिस के आयुक्त के पास है और एसीपी और ऊपर के अधिकारियों को हटाने की शक्ति दिल्ली प्रशासन और गृह मंत्रालय के पास है।
इन दिल्ली पुलिसकर्मियों को मौलिक नियम (एफआर) 56 (जे) के तहत जबरन सेवानिवृत्ति दी जाएगी। उन्हें एक बार में तीन माह के वेतन और भत्ते का भुगतान किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक अक्टूबर की शुरुआत में उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में हुई बैठक में दिल्ली पुलिस ने उन पुलिसकर्मियों के नाम प्रस्तुत किए जिन्हें हटाया जाना है। उपराज्यपाल ने बल से इन्हें निकालने पर रजामंदी जताई, लेकिन उन्होंने इस पर चिता व्यक्त की थी कि कथित तौर पर भ्रष्ट युवा आइपीएस अधिकारियों को कैसे हटाया जाए, जो शासन के बुनियादी ताने-बाने को नष्ट कर रहे हैं। अनिवार्य सेवानिवृत्ति की प्रक्रिया के तहत चार माह में यह बात सामने आई कि लगभग 80 हजार पुलिसकर्मियों में से 16 हजार पुलिसकर्मी 55 वर्ष से अधिक उम्र के थे। विशेष प्रशासन आयुक्त और सतर्कता के विशेष आयुक्त सहित तीन सदस्यीय समिति का गठन पुलिस बल में शामिल भ्रष्ट कर्मियों की पहचान के लिए किया गया था। सभी विभागों के प्रमुखों को ऐसे कर्मियों के नाम प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था। 16 हजार में से समिति ने करीब पांच हजार पुलिसकर्मियों की पहचान की, जो पुलिस विभाग में बने रहने के योग्य नहीं हैं। स्क्रीनिग के माध्यम से, समिति ने इंस्पेक्टर रैंक और इससे नीचे के 79 और तीन एसीपी की पहचान की और उपराज्यपाल को रिपोर्ट सौंपी थी। सूत्रों के मुताबिक अभी और भी पुलिसकर्मियों पर इस तरह की कार्रवाई की जाएगी, लेकिन यह कार्रवाई चरणबद्ध तरीके से होगी।
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