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    National Herald Case: कोर्ट ने 21 अक्‍टूबर तक के लिए टाली सुनवाई

    By Prateek KumarEdited By:
    Updated: Sat, 28 Sep 2019 01:01 PM (IST)

    दिल्‍ली की राउज एवेंन्‍यू कोर्ट ने नेशनल हेराल्‍ड केस में 21 अक्‍टूबर तक के लिए सुनवाई टाल दी है।

    National Herald Case: कोर्ट ने 21 अक्‍टूबर तक के लिए टाली सुनवाई

    नई दिल्‍ली, एएनआइ। दिल्‍ली की राउज एवेंन्‍यू कोर्ट ने नेशनल हेराल्‍ड केस में 21 अक्‍टूबर तक के लिए सुनवाई टाल दी है।  बता दें कि नेशनल हेराल्‍ड हाउस केस कुछ समय तक दिल्‍ली की कई अदालतों में चक्‍कर काट रहा है।

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    नेशनल हेराल्ड के प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) ने कुछ समय पहले देश की सर्वोच्‍च अदालत सुप्रीम कोर्ट का भी रुख किया था।

    इससे पहले नेशनल हेराल्ड हाउस खाली करने के मामले में कांग्रेस को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा था। मुख्य न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन व न्यायमूर्ति वीके राव की मुख्य पीठ ने एकल पीठ के फैसले को चुनौती देने वाली एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद कांग्रेस को नेशनल हेराल्ड हाउस खाली करना ही होगा।

    हालांकि, पीठ ने इमारत खाली करने की समय सीमा पर कोई निर्देश नहीं दिया था। बता दें कि हाई कोर्ट की एकल पीठ ने 21 दिसंबर 2018 को इमारत को खाली करने का आदेश दिया था। इस फैसले को एजेएल ने चुनौती दी थी।

    यह है मामला

    एजेएल नेशनल हेराल्ड अखबार की मालिकाना कंपनी है। कांग्रेस ने 26 फरवरी 2011 को इसकी 90 करोड़ की देनदारी अपने जिम्मे ले ली थी। यानी कंपनी को 90 करोड़ का लोन दिया। इसके बाद पांच लाख में यंग इंडियन कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया व राहुल की हिस्सेदारी 38-38 व शेष कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा व ऑस्कर फर्नाडीज के पास है। बाद में एजेएल के 10-10 रुपये के नौ करोड़ शेयर यंग इंडियन को दिए गए। बदले में यंग इंडियन को कांग्रेस का लोन चुकाना था। नौ करोड़ शेयर के साथ यंग इंडियन को कंपनी के 99} शेयर हासिल हो गए। इसके बाद कांग्रेस ने 90 करोड़ का लोन माफ कर दिया। यानी यंग इंडियन को मुफ्त में एजेएल का स्वामित्व मिल गया।

    क्‍या है नेशनल हेराल्‍ड

    नेशनल हेराल्‍ड भी उन अखबारों की श्रेणी में है, जिसकी बुनियाद आजादी के पूर्व पड़ी। हेराल्‍ड दिल्ली एवं लखनऊ से प्रकाशित होने वाला अंग्रेजी अखबार था। 1938 में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने नेशनल हेराल्‍ड अखबार की नींव रखी थी। इंदिरा गांधी के समय जब कांग्रेस में विभाजन हुआ तो इसका स्‍वामित्‍व इंदिरा कांग्रेस आई को मिला। नेशनल हेराल्ड को कांग्रेस का मुखपत्र माना जाता है। आर्थिक हालात के चलते 2008 में इसका प्रकाशन बंद हो गया। उस वक्‍त वह कांग्रेस की नीतियों के प्रचार प्रसार का मुख्‍य स्रोत था।

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