दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग का रिकॉर्ड टूटा, अघोषित बिजली कटौती से रात भर परेशान रहे लोग
दिल्ली में पड़ रही भीषण गर्मी से सोमवार को बिजली की अधिकतम मांग का रिकॉर्ड टूटा गया। सोमवार को दिल्ली में बिजली की मांग 7241 मेगावाट रही। ...और पढ़ें

नई दिल्ली, जेएनएन। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पड़ रही भीषण गर्मी से सोमवार को बिजली की अधिकतम मांग का रिकॉर्ड टूटा गया। सोमवार को दिल्ली में बिजली की मांग 7241 मेगावाट रही। दिल्ली में अधिकतम बिजली की मांग की वजह से रात भर कई बार बिजली कटी। अघोषित बिजली कटौती से लोग काफी परेशान रहे।
दिल्ली के पहाड़गंज इलाके में रात में दो बार बिजली कटी। रात में करीब एक से दो बजे के बीच एक घंटे की बिजली कटौती हुई। इसके अलावा सुबह चार बजे के आसपास भी करीब एक घंटे तक बिजली गुम रही । जागरण.डॉट. कॉम से बातचीत करते हुए एक बिजली उपभोक्ता ने बताया कि अघोषित बिजली कटौती से रात भर लोग परेशान रहे।
बिजली कटौती की वजह से लोग गर्मी के बचने के लिए कई लोग आधी रात को घरों से बाहर निकल पड़े। घर के बाहर लोग टहलते दिखाई दिये। बिजली उपभोक्ता के अनुसार, बिजली की कटौती क्यों हुई इसकी जानकारी बिजली विभाग ने नहीं दी। लिहाजा लोग यह जानने की कोशिश करते रहे कि बिजली बार-बार आधिक क्यों कटी।
7400 मेगावाट तक पहुंच सकती है बिजली की खपत
राजधानी में बिजली की मांग एक जुलाई को नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। सोमवार दोपहर बाद तीन बजकर 29 मिनट पर मांग 7241 मेगावाट पहुंच गई, जो बीते वर्ष की अधिकतम मांग से 225 मेगावाट अधिक है। बिजली की अधिकतम मांग पिछले वर्ष दस जुलाई को 7016 मेगावाट थी।
फिलहाल देश के किसी भी शहर के मुकाबले दिल्ली में बिजली की मांग दोगुना पहुंच गई है। जितनी बिजली की मांग मुंबई और चेन्नई की है, उससे अधिक मांग अकेले दिल्ली की है। कोलकाता के मुकाबले दिल्ली में बिजली की मांग तीन गुना है। उम्मीद है कि इस वर्ष दिल्ली में बिजली की मांग 7400 मेगावाट तक पहुंच सकती है, जो वर्ष 2002 के मुकाबले ढाई गुना अधिक है। एक जुलाई 2016 को बिजली की मांग 6216 थी।
एसी-कूलर से बढ़ी खपत
दिल्ली में बिजली की मांग में तेजी से हो रही बढ़ोतरी का सबसे बड़ा कारण एसी, कूलर और पंखे हैं। राजधानी में जितनी बिजली की खपत है, उसमें 50 प्रतिशत एसी, कूलर और पंखे की वजह से है। वितरण नेटवर्क को मजबूत करने के लिए बांबे सबअर्बन इलेक्टिक सप्लाई (बीएसईएस) डिस्कॉम ने वित्तीय वर्ष 2018-2019 में 800 करोड़ रुपये (बीआरपीएल 525 करोड़ और बीवाईपीएल 300 करोड़ रुपये) की पूंजी निवेश किया जिससे लगभग 750 एमवीए की नेटवर्क क्षमता बढ़ी। वहीं बीएसईएस डिस्कॉम ने नेटवर्क को मजबूत बनाने के लिए लगभग 600 नए वितरण ट्रांसफॉर्मर भी लगाए और लगभग 650 किलोमीटर लंबाई में केबल बिछाई है।

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