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    IPS अधिकारी बताकर होटल में खा रहा था मुफ्त में खाना, एक गलती से पहुंच गया हवालात Noida News

    By Mangal YadavEdited By:
    Updated: Fri, 28 Jun 2019 10:00 PM (IST)

    दिल्ली से सटे नोएडा में एक फर्जी आइपीएस अधिकारी और उसका पीआरओ को गिरफ्तार किया गया है। ...और पढ़ें

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    IPS अधिकारी बताकर होटल में खा रहा था मुफ्त में खाना, एक गलती से पहुंच गया हवालात Noida News

    नोएडा, जेएनएन। गृह मंत्रालय नई दिल्ली में साइबर सेल का हेड बताने वाले फर्जी आइपीएस और उसके पीआरओ को कोतवाली एक्सप्रेस वे पुलिस ने शुक्रवार को सेक्टर 126 स्थित एक होटल से गिरफ्तार किया है। यह शख्स पिछले चार दिनों से शहर के दो अलग-अलग होटलों में ठहर रहा था। फ्री में खाना भी खा रहा था। शुक्रवार सुबह होटल से जाने से पहले वह कार के फ्यूल टैंक को फुल कराने के लिए होटल स्टॉफ पर रौब झाड़ रहा था।

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    इनकार करने पर होटल कर्मियों के साथ बदसलूकी की। गतिविधि संदिग्ध लगने पर होटल मैनेजर ने कोतवाली एक्सप्रेस-वे पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने छानबीन शुरू की तो फर्जी आइपीएस की जालसाजी सामने आई। आरोपित फर्जी आईपीएस की पहचान आदित्य कुमार दीक्षित निवासी हाथरस और उसका पीआरओ अखिलेश इटावा का रहने वाला है।

    एक्सप्रेस-वे कोतवाली प्रभारी भुवनेश कुमार ने बताया कि फर्जी आइपीएस बनकर लोगों पर रौब दिखाने वाला युवक के फोन में पुलिस कैप के साथ फोटो और चाइनीज लाइटर गन के साथ फोटो मिला है। उसने कई नेताओं के साथ भी फोटो खिंचवा रखी है। उसके द्वारा कई लोगों को नौकरी दिलाने और ट्रांसफर के नाम पर पैसे लेने की बात सामने आई है, हालांकि ठगी की कोई शिकायत पुलिस को अभी नहीं मिली है। अपने को 2011 बैच का आइपीएस बताने वाला आदित्य कंप्यूटर साइंस में डिप्लोमा है। उसने अपने आपको एक निजी कंपनी के आइटी विभाग में हेड के रूप में कार्यरत बताया। गृह

    मंत्रालय के सीक्रेट मिशन पर होने की बात कह नहीं दिखाई आइडी
    एसपी सिटी सुधा सिंह ने बताया कि पुलिस जांच में पता चला कि पिछले 5 दिन से वह नोएडा में मौजूद था। सेक्टर 126 से पहले वह चार दिनों तक सेक्टर-62 स्थित एक होटल में रुका था। वहां पर भी दोनों आरोपित आइपीएस और पीआरओ बनकर रह रहे थे। होटल के पैसे नहीं दिए थे।

    सेक्टर 126 स्थित होटल कृष्णा लिविंग में बृहस्पतिवार को ठहरा था। यहां होटल स्टाफ ने आइडी कार्ड मांगा तो उसने कहा कि वह साइबर अपराध के एक सीक्रेट मिशन पर है। इसलिए वह अपने नाम पर कमरा बुक नहीं कराएगा। इसके बाद उसने कोई पहचान पत्र या आइडी कार्ड नहीं दिया। वह ठहरने के दौरान होटल स्टॉफ द्वारा पैसे मांगने पर गृह मंत्रालय से अप्रूवल होने की बात कहकर झांसा देकर निकल जाता था। पूछताछ में पता लगा है कि इस प्रकार से पिछले एक वर्ष से वह फर्जीवाड़ा कर रहा था।

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