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    गाजियाबाद के सांसद जनरल वीके सिंह ने ली राज्यमंत्री पद की शपथ, ऐसे शुरू हुआ सियासी सफर

    By Mangal YadavEdited By:
    Updated: Thu, 30 May 2019 08:22 PM (IST)

    गाजियाबाद से लगातार दूसरी बार सांसद चुने गए जनरल वीके सिंह मोदी सरकार में मंत्री बनाए गए हैं। उन्होंने राज्यमंत्री पद की शपथ ली।

    गाजियाबाद के सांसद जनरल वीके सिंह ने ली राज्यमंत्री पद की शपथ, ऐसे शुरू हुआ सियासी सफर

    गाजियाबाद, जेएनएन। दिल्ली से सटे गाजियाबाद से लगातार दूसरी बार सांसद चुने गए जनरल वीके सिंह को एक फिर मोदी सरकार में जगह मिली है। वीके सिंह ने बृहस्पतिवार को राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली। इससे पहले वे भी मोदी सरकार में विदेश राज्य मंत्री थे।

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    इस फिर भाजपा ने गाजियाबाद से जनरल वीके सिंह को दोबारा से उम्मीदवार बनाया था। इस लोकसभा चुनाव में उन्होंने सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन के उम्मीदवार सुरेश बंसल को 501500 वोटों से जीत दर्ज की है। वीके सिंह ने 2014 के चुनाव में भी 567260 वोटों से जीत दर्ज की थी।

    कौन हैं वीके सिंह?

    वीके सिंह का पूरा नाम विजय कुमार सिंह है। उनका जन्म 10 मई 1951 को हरियाणा के भिवानी जिले के बपोरा गांव में हुआ था। वे 1970–2012 तक भारतीय सेना में रहे। वीके सिंह सेना प्रमुख भी रहे। वीके सिंह ने राजस्थान के बिड़ला पब्लिक स्कूल, पिलानी से शिक्षा ग्रहण की। उनके परिवार में लगातार तीसरी पीढ़ी सेना में शामिल होकर देश की रक्षा के लिए आगे आई। उनके पिता जगत सिंह सेना में कर्नल थे। वहीँ उनके दादाजी जेसीओ के पद से सेवानिवृत हुए। उनके परिवार में उनकी पत्नी भारती सिंह और दो बच्चे हैं।

    वीके सिंह का राजनीतिक सफर

    राजनीति में आये वीके सिंह को सिर्फ पांच साल ही हुए हैं। भारतीय थल सेनाध्यक्ष के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद वीके सिंह राजनीति में आये और भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़े। सेना से रिटायर होने के बाद अन्ना हजारे के आंदोलन से जुड़े और 2014 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ संसद में पहुंचे। इसके बाद उन्हें विदेश राज्यमंत्री बनाया गया।

    मंत्री के रूप में किया सराहनीय काम

    विदेश राज्‍य मंत्री के रूप में वीके सिंह ने अपनी अमिट  छाप छोड़ी है। वर्ष 2015 में यमन के गृह युद्ध में फंसे चार हजार भारतीयों को सुर‍क्षित लाने में अहम भूमिका का निर्वाह किया। इतना ही नहीं ऑपरेशन संकट मोचन की सफलता का श्रेय भी उन्‍हीं को जाता है।

    तख्तापलट करने की कोशिश का लगा था आरोप

    जनरल वीके मार्च 2010 से मई 2012 तक भारतीय सेना के प्रमुख रहे। वीके सिंह पर यूपीए-2 में मनमोहन सरकार के खिलाफ तख्तापलट करने की कोशिश का आरोप लगा था। हालांकि वीके सिंह ने इसे खारिज कर दिया था और उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी। बता दें कि जनवरी, 2012 में हिसार और आगरा की सैन्य इकाइयों के दिल्ली कूच करने की  कथित तौर पर खबर आयी थी।

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