8 वर्षीय बच्चे ने आखिर क्यों की डेढ़ वर्षीय मासूम की हत्या, सामने आई सनसनीखेज वजह
आठ साल की उम्र जिसमें बच्चे खेलकूद में व्यस्त रहते हैं उस उम्र में एक बच्चे का बदला लेने की भावना में आक्रोशित होकर मासूम का अपहरण कर उसकी हत्या करना बेहद आश्चर्यजनक है।
नई दिल्ली, जेएनएन। फतेहपुर बेरी इलाके में डेढ़ साल के मासूम की हत्या का आरोपित आठ साल का बच्चा घर के माहौल को देखकर क्रूर हुआ। उसकी मां की काफी पहले मौत हो चुकी है। उसके परिवार में पिता, 12 साल की बहन और पांच साल का भाई है। पिता सफाईकर्मी है। वह काम पर जाते वक्त बच्चों को कमरे में बंद कर देता था व उन्हें अक्सर मारता-पीटता था। घर में इस तरह का माहौल होने के चलते हत्यारोपित बच्चे के दिलोदिमाग पर आक्रोश हावी हुआ। आठ साल की उम्र, जिसमें बच्चे खेलकूद में व्यस्त रहते हैं, उस उम्र में एक बच्चे का बदला लेने की भावना में आक्रोशित होकर मासूम का अपहरण कर उसकी हत्या करना बेहद आश्चर्यजनक है। उसे नहीं पता है कि छोटी सी उम्र में उसने कितना संगीन अपराध किया है। मंगलवार को बातचीत के दौरान उसने कहा कि उसकी बहन ने मेरे भाई को धक्का देकर गिराया तो मैंने भी उसके भाई को गिरा दिया। यह बात वह बार-बार बोल रहा था। उसे इस बात की भी समझ नहीं है कि जिस मासूम को उसने नाली में गिराया वह अब इस दुनिया में नहीं है। मासूम के बारे में पूछने पर कहता कि उसे नाली से उसकी मां उठाकर घर ले गई।
क्या है मामला फतेहपुरबेरी
थानाक्षेत्र स्थित एक गांव में रविवार रात मां डेढ़ साल के बेटे व आठ साल की बेटी के साथ छत पर सो रही थी। उसी रात पड़ोस के मकान में छत पर सो रहा आठ साल का बच्चा छत के रास्ते ही उनके पास आया। वह मासूम को सोते हुए उठाकर ले गया। पहले घर के बाहर बनी पानी की हौदी में उसे तीन-चार बार डुबोया और फिर घर से कुछ दूरी पर ही करीब तीन फुट गहरी नाली में उसे गिरा दिया। इसके बाद उसे चोट पहुंचाने के लिए तीन-चार रोड़े भी मारे।
वहीं, सोमवार तड़के करीब चार बजे मां की आंख खुली तो बेटा पास नहीं मिला। उसने पति व बेटी के साथ उसे काफी ढूंढ़ा, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। इसके बाद उन्होंने 100 नंबर पर फोन कर पुलिस को बच्चे के अपहरण की जानकारी दी। पुलिस जांच में यह आया सामने सोमवार सुबह करीब सात बजे मासूम का शव उसके घर के पास नाली में पड़ा मिला। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा तो चोट लगने व डूबने से मौत की बात उजागर हुई।
जांच के दौरान पता चला कि पड़ोस में रहने वाले आठ साल के बच्चे (जोकि कूड़ा बीनने का काम करता था) ने हत्या की। वह पुलिस को गांव के ही एक पार्क में बैठा मिला। पुलिस ने उसकी काउंसलिंग की तो उसने बताया कि कुछ दिन पहले खेलने के दौरान मासूम की बहन ने उसके छोटे भाई को धक्का देकर गिरा दिया था, जिससे उसके गले व सिर में चोट आई थी। इस वजह से उसने भी उसके भाई को गिरा दिया। डीसीपी विजय कुमार ने बताया कि हत्या के आरोप में बच्चे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। किशोर न्यायालय में पेश करने के बाद उसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया है।
बच्चों को घर में अच्छा माहौल दें
मनोवैज्ञानिक मनीषा चोपड़ा कहती हैं कि बाल अवस्था में प्रेम भाव को छोड़कर अत्यंत आक्रोश में उत्तेजित होकर आठ साल के बच्चे का डेढ़ साल के मासूम की हत्या करने का मामला समाज के लिए बेहद घातक है। दरअसल, जिस तरीके से बच्चे ने गुस्से में आकर घटना की, उससे ऐसा लगता है कि उसने आस-पास जरूर हिंसा का वातावरण देखा होगा। इसी के चलते उसके दिलोदिमाग में हिंसा हावी रही और उसने इस कृत्य को अंजाम दिया। माता-पिता का कर्तव्य है कि वे बच्चों के मानसिक संतुलन व खानपान और उनकी भावनाओं को ध्यान रखें। बच्चों को घर में अच्छा माहौल दें और हिंसा से दूर रखें। ऐसी घटना को रोकने के लिए सजा पर्याप्त नहीं है। उसकी मनोदशा बदलने का प्रयास किया जाना चाहिए, ताकि वह आगे चलकर बेहतर इंसान बन सके।
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