भीष्म की चाल से सतर्क हुए कांग्रेसी प्रत्याशी
निष्कासन के चार दिन बाद ही कांग्रेस के पूर्व विधायक भीष्म शर्मा के भाजपा में शामिल हो जाने से कांग्रेसियों के माथे पर पसीना आ गया है। प्रमुख विपक्षी पार्टी द्वारा पूर्व भीष्म शर्मा को हाथों-हाथ लेने पर कांग्रेस के अन्य प्रत्याशी भी सतर्क हो गए हैं। ऐसे में अब बाकी के सभी प्रत्याशी अपने समीकरण बदलने में जुट गए हैं।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली :
निष्कासन के चार दिन बाद ही कांग्रेस के पूर्व विधायक भीष्म शर्मा के भाजपा में शामिल हो जाने से कांग्रेसियों के माथे पर पसीना आ गया है। प्रमुख विपक्षी पार्टी द्वारा पूर्व भीष्म शर्मा को हाथों-हाथ लेने पर कांग्रेस के अन्य प्रत्याशी भी सतर्क हो गए हैं। ऐसे में अब बाकी के सभी प्रत्याशी अपने समीकरण बदलने में जुट गए हैं।
सूत्र बताते हैं कि भीष्म शर्मा के भाजपा में जाने से शीला दीक्षित को कहीं न कहीं नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। ऐसे में इस घटना ने अन्य प्रत्याशियों को भी सबक दिया है कि चुनावी माहौल में किसी बागी के साथ कोई कड़ा कदम नहीं उठाना है।
दूसरी तरफ इस तरह की घटना न हो, इसके लिए अन्य सीटों के प्रत्याशियों ने सभी विरोधियों को साधना और उन्हें मनाना शुरू कर दिया है। इसी का नतीजा है कि चांदनी चौक सीट से प्रत्याशी जेपी अग्रवाल ने धुर विरोधी कहे जाने वाले पूर्व विधायक शोएब इकबाल को मना लिया है। अब शोएब इकबाल जेपी अग्रवाल की सभाओं में प्रचार करते देखे जा रहे हैं। शोएब ने कुछ मुस्लिम विधायकों के साथ बैठक करके राहुल गांधी तक को खत लिखा था कि दिल्ली में एक मुस्लिम को टिकट दिया जाए।
इसी तरह दक्षिणी दिल्ली सीट पर कांग्रेस ने बॉक्सर विजेंदर सिंह को मैदान में उतारा है। इस सीट पर पहले सज्जन कुमार के भाई पूर्व सांसद रमेश कुमार को टिकट दिए जाने की चर्चा थी, लेकिन अंतिम समय में टिकट विजेंदर सिंह को दे दिया गया। इससे क्षेत्र के कार्यकर्ताओं और सज्जन कुमार गुट में थोड़ी निराशा थी। लेकिन पार्टी हाईकमान का आदेश कहें या फिर सुभाष चोपड़ा की रणनीति, उन्होंने न सिर्फ रमेश कुमार बल्कि सज्जन के बेटे जगप्रवेश कुमार को भी साथ में जोड़ लिया है। अब चाचा -भतीजा दोनों ही विजेंदर सिंह को जिताने लग गए हैं। साथ ही पूर्व विधायक बलराम तंवर भी विजेंदर सिंह के साथ प्रचार करते दिखाई पड़ रहे हैं।
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