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    इस हाईवे का जाम दिल्ली-NCR और उत्तराखंड के लोगों के लिए बन रहा नासूर

    By Mangal YadavEdited By:
    Updated: Tue, 30 Apr 2019 03:15 PM (IST)

    दिल्ली-मेरठ हाईवे पर रोजाना लाखों लोग जाम में फंसकर परेशानी झेलते हैं लेकिन पुलिस-प्रशासनिक को इस विकराल समस्या से कोई लेना-देना नहीं है।

    इस हाईवे का जाम दिल्ली-NCR और उत्तराखंड के लोगों के लिए बन रहा नासूर

    गाजियाबाद, जेएनएन। दिल्ली-मेरठ हाईवे पर रोजाना लाखों लोग जाम में फंसकर परेशानी झेलते हैं, लेकिन पुलिस-प्रशासनिक अमले और जनप्रतिनिधियों को इस विकराल समस्या से कोई लेना-देना नहीं है। यही कारण है कि गाजियाबाद से मेरठ के बीच दोनों तरफ कदम-कदम पर वाहनों के पहिए थमते नजर आते हैं। दुहाई से लेकर मोदीनगर तक की स्थिति ज्यादा खराब है।

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    पहले जहां मोदीनगर और मुरादनगर के आबादी क्षेत्र में जाम रहता था, लेकिन अब आबादी क्षेत्र से बाहर भी जाम लगना आम हो गया है। शनिवार व रविवार को स्थिति ज्यादा बेकाबू रहती है। इसके बावजूद थाने की पुलिस यातायात को सुचारू कराने में कोई रुचि नहीं लेती। इस कारण सुधार के बजाय स्थिति निरंतर बिगड़ती ही जा रही है।

    दिल्ली-एनसीआर व उत्तराखंड की लाइफलाइन है हाईवे

    दिल्ली-मेरठ हाईवे दिल्ली-एनसीआर-उत्तराखंड के लाखों लोगों की लाइफलाइन है। उत्तराखंड के रूड़की, हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून के अलावा मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद, सहारनपुर, बिजनौर, नोएडा समेत आसपास के जिलों से लाखों लोग नौकरी, व्यापार व अन्य जरूरी कार्यों से रोजाना दिल्ली-मेरठ हाईवे से गुजरते हैं। हर दिन लोगों को यहां जाम में फंसकर परेशानी का सामना करना पड़ता है।

    आखिर वीआइपी मूवमेंट पर कैसे खुल जाता है जाम

    जाम से निजात दिलाने के सवाल पर अक्सर जिम्मेदार अधिकारी सड़क की चौड़ाई कम होने और वाहनों के दबाव का हवाला देकर जवाबदेही से बचते हैं, लेकिन जब हाईवे से कोई भी वीआइपी गुजरता है तो थाने की पुलिस तुरंत हरकत में आ जाती है और यातायात कुछ ही देर में सुचारू दिखने लगता है।

    सवाल है कि आखिर वीआइपी के गुजरने पर रास्ता कैसे सुगम करा दिया जाता है। यह स्थिति आम दिनों में आम जनता के लिए नहीं क्यों नहीं बन पाती। यातायात पुलिस मरीज को अस्पताल ले जाती एंबुलेस के लिए भी रास्ता मुहैया कराने की जरूरत महसूस नहीं करती। जाम में फंसे मरीज की मौत की घटनाएं भी हो चुकी हैं।

    हापुड़ रोड रेलवे फाटक बंद होने से भी जाम में फंसते हैं लोग

    हापुड़ रोड रेलवे फाटक से दो ट्रेनों के गुजरने पर जब फाटक 20 मिनट से अधिक समय तक बंद होता है तो हापुड़ रोड की तरफ जाने वाले वाहनों की कतारें हाईवे तक आ जाती हैं। इससे हाईवे पर पीछे से आ रहे वाहनों की गति पूरी तरह ठप हो जाती है। सुबह-शाम हाईवे पर हापुड़ रोड फाटक के कारण जाम लगना आम हो गया है। इसके बावजूद हापुड़ रोड फाटक पर आरओबी के काम में तेजी लाने की कोई कोशिश नजर नहीं आ रही, जबकि हापुड़ रोड की तरफ से रोजाना लाखों लोग निकलते हैं।

    इस संबंध में मोदीनगर के एसडीएम डीपी सिंह ने कहा कि जाम से निजात दिलाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। चार दिन पहले अतिक्रमण के खिलाफ अभियान भी चलाया गया था। लगातार अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। किसी भी सूरत में हाईवे पर जाम नहीं लगने दिया जाएगा। इसके लिए जल्द ही थाना, यातायात, नगरपालिका, लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की बैठक भी बुलाई जाएगी।

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