एम्स में मरीज व तीमारदारों को भी किफायती दर पर मिलेगा स्वादिष्ट भोजन
एम्स में बने तीन मंजिले कैफेटेरिया का संचालन एक निजी कंपनी करेगी। इस बाबत एम्स प्रशासन ने प्रक्रिया पूरी कर ली है और कंपनी को कैफेटेरिया के संचालन की ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : एम्स में बने तीन मंजिला कैफेटेरिया का संचालन एक निजी कंपनी करेगी। इस बाबत एम्स प्रशासन ने प्रक्रिया पूरी कर ली है और कंपनी को कैफेटेरिया के संचालन की जिम्मेदारी भी सौंप दी गई है। इस कैफेटेरिया में एम्स के कर्मचारियों के अलावा मरीज और तीमारदार भी किफायती दर पर स्वादिष्ट भोजन का स्वाद ले सकेंगे। हालांकि एम्स प्रशासन के इस फैसले का संस्थान के कर्मचारी विरोध कर रहे हैं।
कर्मचारी यूनियन का कहना है कि तीन मंजिला कैफेटेरिया को महज पांच हजार रुपये मासिक किराये पर निजी कंपनी को सौंपने का फैसला लिया गया है। इससे संस्थान को करीब 200 करोड़ का भारी नुकसान होगा। इसके अलावा कर्मचारियों को यह भी डर सता रहा है कि कैफेटेरिया के संचालन में लगे कर्मचारियों का क्या होगा? असल में पहले कैफेटेरिया का संचालन एम्स द्वारा नियुक्त कर्मचारी कर रहे थे। इस कैफेटेरिया में कम कीमत पर खाने पीने की चीजें उपलब्ध होती हैं। पहले इस कैफेटेरिया में मरीजों व तीमारदारों के खाने पीने की सुविधा नहीं थी। वैसे तो एम्स में भर्ती मरीजों को संस्थान द्वारा निशुल्क भोजन उपलब्ध कराया जाता है। असल परेशानी तीमारदारों को होती है। इसके अलावा ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचे मरीजों के लिए जेनरिक दवा स्टोर के पास एक कैंटीन तो है पर उसमें कुछ सीमित चीजें ही उपलब्ध होती थीं। जबकि कैफेटेरिया में नाश्ते के अलावा भोजन की भी सुविधा होगी। एम्स के उप निदेशक (प्रशानिक) शुभाशीष पांडा ने कहा कि एम्स मुनाफा कमाने का संस्थान नहीं है। कंपनी के साथ यह करार किया गया है कि वह पांच साल तक खाने पीने की चीजों की कीमत नहीं बढ़ाएगी। किफायती दर पर उसकी कीमतें भी तय कर दी गई हैं। इसके अलावा टेंडर में यह भी ध्यान रखा गया था कि भोजन की गुणवत्ता अच्छी हो। इसके लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा व मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) द्वारा प्रमाणित कंपनियां ही हिस्सा ले सकें। उन्होंने कहा कि इस कैफेटेरिया को मरीजों और तीमारदारों के लिए भी खोल दिया गया है। उनके लिए कोई रोक नहीं होगी। बताया जा रहा है कि इस कैफेटेरिया में 37 तरह के व्यंजन कम कीमत पर उपलब्ध होंगे। पांच रुपये में समोसा, वड़ा सांभार 10 रुपये में, भोजन की थाली 40 रुपये में उपलब्ध होगी। 15 मई से कैफेटेरिया के संचालन की जिम्मेदारी रेस्टोरेंट चेन चलाने वाली कंपनी संभालेगी। रेट बढ़ाने पर कर्मचारी यूनियन विरोध में उतरा
कर्मचारी यूनियन ने कहा है कि संस्थान में 500 रुपये तक की जांच निशुल्क करने की योजना थी। ओपीडी कार्ड के लिए अब भी मरीजों से 10 रुपये लिए जाते हैं। यदि एम्स को मरीजों की सुविधा का इतना ही ख्याल है तो इस योजना पर अब तक अमल क्यों नहीं हुआ। जबकि छोटी-छोटी जांचों का शुल्क जमा करने के लिए लंबी लाइन में लगना पड़ता है। इसके अलावा पहले समोसा तीन रुपये में मिलता था उसकी कीमत बढ़ाकर पांच रुपये व भोजन की थाली की कीमत 30 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये कर दिया गया है। इस मामले पर कर्मचारी यूनियन ने जनरल बॉडी की बैठक बुलाई है, जिसमें वे अपनी आगे की रणनीति तय करेंगे। हालांकि एम्स प्रशासन का कहना है कि सिर्फ कुछ कर्मचारी इसका विरोध कर रहे थे, उन्हें भी समझा लिया गया है।

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