पढ़िए- एक बॉक्सर कैसे बन गया गैंगस्टर, हरियाणा की ओर खेल चुका है हॉकी
जोगेंद्र हॉकी के खेल में बेहतर करके हरियाणा पुलिस की नौकरी प्राप्त करना चाहता था लेकिन राजनीति की चपेट में आकर कुख्यात गैंगस्टर बन गया। फिर एक के एक ब ...और पढ़ें

गुरुग्राम [आदित्य राज]। गुरुग्राम के सिविल लाइंस स्थित पुष्पांजलि हॉस्पिटल के संचालक डॉ. एसपी यादव के बेटे का अपहरण करने वाले गिरोह का सरगना सोनीपत जिले के गांव पांछी जाटान निवासी जोगेंद्र हरियाणा की ओर से हॉकी खेलता था। उसने राष्ट्रीय स्तर की कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। यही नहीं वह कुश्ती और बॉक्सिंग का भी अच्छा खिलाड़ी रहा था। हॉकी में बेहतर करके वह पुलिस की नौकरी प्राप्त करना चाहता था, लेकिन राजनीति की चपेट में आकर कुख्यात गैंगस्टर बन गया।
पूछताछ के मुताबिक वर्ष 2015 में पंचायत चुनाव में जोगेंद्र की मां सरपंच पद के लिए खड़ी हुई थी। प्रचार की जिम्मेदारी जोगेंद्र एवं उसके भाई ने संभाल रखी थी। आरोप है कि विरोधी पक्ष ने उसके भाई की हत्या कर दी।
यहीं से जोगेंद्र का रास्ता बदल गया और वह धीरे-धीरे अपराध की दुनिया में प्रवेश कर गया। उसने अपने ममेरे भाई दीपक के साथ मिलकर गैंग बनाया। इसके बाद भाई के हत्यारोपित को मारने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो पाया।
इस बीच उसकी पहचान लखनऊ निवासी बॉक्सर अमितेश चौबे से हो गई। अमितेश प्रो. बॉक्सिंग लीग का चैंपियन रहा है। लग्जरी गाड़ियों के शौक के साथ ही भोजपुरी फिल्मों के प्रति आकर्षण ने उसे अपराध की दुनिया में प्रवेश करा दिया। उसे पैसे की कमी थी। इसी कमी को पूरा करने के लिए वह भी जोगेंद्र के गिरोह में शामिल होकर वारदात पर वारदात करने लगा। सरगना जोगेंद्र के खिलाफ लूट के साथ ही हत्या, हत्या के प्रयास के कई मामले दर्ज हैं।
बता दें कि इसी महीने 16 मार्च की रात डॉ. एसपी यादव के बेटे का सेक्टर 29 इलाके से उनकी कार में ही बदमाशों ने अपहरण कर लिया था। 16 मार्च की ही रात लगभग दो बजे डॉ. एसपी यादव को वाट्सएप कॉल करके 55 लाख रुपये की फिरौती मांगी। अपने बेटे को छुड़ाने के लिए डॉ. यादव ने सोनीपत इलाके में बदमाशों को पैसे दे दिए।
मामले की जांच कर रही स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की टीम को सूचना मिली थी कि लखनऊ निवासी बॉक्सर अमितेश चौबे मामले में शामिल है। 27 मार्च दोपहर टीम लखनऊ पहुंची और अमितेष से पूछताछ की तो उसने वारदात में शामिल होने से इनकार करते हुए बताया कि जो बदमाश शामिल हो सकते हैं, उन्हें वह जानता है। पुलिस उसे लेकर दिल्ली के छतरपुर आई। छतरपुर में ही आरोपित मिला करते थे। वहां सूचना मिली कि वारदात में शामिल चार बदमाश धारूहेड़ा इलाके में किसी वारदात को अंजाम देने वाले हैं। उस इलाके में भी एसटीएफ की एक टीम सक्रिय थी।
एसटीएफ ने मुठभेड़ के बाद गैंग के सरगना जोगेंद्र, शिवकुमार, दीपक एवं कमल को दबोच लिया। चारों ने पूछताछ में बताया कि अमितेश चौबे भी वारदात में शामिल था, फिर उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया। गैंग से 49 लाख 70 हजार रुपये बरामद हो चुके हैं। फिरौती की रकम में से साढ़े चार लाख रुपये लेकर अमितेश चौबे ने एक सेकेंड हैंड लग्जरी कार खरीदी थी।
केके राव (आइजी, एसटीएफ) के मुताबिक, आरोपितों से पूछताछ में कई वारदातों के बारे में जानकारी सामने आने की उम्मीद है। दरअसल, गिरोह लोगों से एटीएम कार्ड छीनकर खाते से पैसे निकालने के मामले में अधिक संलिप्त रहा है। दिल्ली-एनसीआर में इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं। पूछताछ से काफी सच्चाई सामने आ सकती है।

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