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    JNU sedition case: अहम मोड़ पर पहुंची सुनवाई, कोर्ट अगली सुनवाई में देखेगा वीडियो फुटेज

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Thu, 28 Feb 2019 01:38 PM (IST)

    फरवरी 2016 में जेएनयू में एक कार्यक्रम के दौरान देशविरोधी नारेबाजी लगाने के आरोप में जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया व छात्र नेता उमर खालिद ...और पढ़ें

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    JNU sedition case: अहम मोड़ पर पहुंची सुनवाई, कोर्ट अगली सुनवाई में देखेगा वीडियो फुटेज

    नई दिल्ली, जेएनएन। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (Jawaharlal Nehru University) में तीन साल पहले 9 फरवरी, 2016 को देश विरोधी नारेबाजी में दाखिल की गई चार्जशीट पर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में बृहस्पतिवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि वह इस  मामले से जुड़ी वीडियो फुटेज देखना चाहता है।

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    इससे पहले 6 फरवरी को हुई सुनवाई में देशद्रोह मामले के आरोप पत्र पर केस चलाने की अनुमति न मिलने के चलते पटियाला हाउस कोर्ट की एक अदालत ने दिल्ली पुलिस को आड़े हाथों लिया था। पुलिस ने दिल्ली सरकार की अनुमति के बिना आरोप पत्र 14 जनवरी को अदालत में दायर किया था, तब अदालत ने पुलिस को मंजूरी लेने के लिए छह फरवरी तक का समय दिया था। बुधवार को जब फिर से मामले की सुनवाई हुई तो पुलिस ने जवाब दिया कि अभी तक जरूरी अनुमति प्राप्त नहीं हुई है। इस पर अदालत ने कहा कि संबंधित अथॉरिटी से इस बारे में पूछें। इस तरह से कोई भी अथॉरिटी अनिश्चितकाल के लिए फाइल को दबाकर नहीं बैठ सकती। पुलिस को अदालत ने 28 फरवरी तक जरूरी अनुमति लेकर जवाब दाखिल करने के लिए कहा था।

    दिल्ली पुलिस ने जेएनयू देशद्रोह मामले में 14 जनवरी 2018 को आरोप पत्र दाखिल किया था। इसमें फरवरी 2016 में जेएनयू में एक कार्यक्रम के दौरान देशविरोधी नारेबाजी लगाने के आरोप में जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, छात्र नेता उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को मुख्य आरोपित बनाया गया है। तीनों को जेल भी जाना पड़ा था। हालांकि बाद में कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई थी। तब से तीनों जमानत पर हैं। सात कश्मीरी छात्रों को भी आरोपित बनाया गया है, जिनमें मुजीर (जेएनयू), मुनीर (एएमयू), उमर गुल (जामिया), बशरत अली (जामिया), रईस रसूल (बाहरी), आकिब (बाहरी) और खालिद भट (जेएनयू) शामिल हैं। साथ ही 36 लोगों को कॉलम नंबर 12 में आरोपित बनाया गया है, जिन पर घटनास्थल पर मौजूद रहने के आरोप हैं, लेकिन उनके खिलाफ सुबूत नहीं हैं। इन 36 आरोपितों में शेहला राशिद, अपराजिता राजा, रामा नागा, बनज्योत्सना, आशुतोष और ईशान आदि शामिल हैं।

    AAP सांसद का सवाल तीन साल तक फाइल लेकर क्यों बैठी रही दिल्ली पुलिस

    आम आदमी पार्टी (आप) के नेता व राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने जेएनयू देशद्रोह प्रकरण में आरोप पत्र की स्वीकृति के बारे में पूछे जाने पर कहा कि देरी दिल्ली सरकार ने नहीं की बल्कि पुलिस ने की है। दिल्ली पुलिस फाइल को लेकर तीन साल तक क्यों बैठी रही। जो चार्जशीट 90 दिन में तैयार की जानी थी वह लोकसभा चुनाव से तीन माह पहले तैयार की जा रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि पुलिस ने बिना सरकार के सामने लाए फाइल अदालत में क्यों पेश कर दी? हमारे पास फाइल आई है, हम सुबूतों को देखेंगे और उसकी जांच करेंगे। इसके बाद ही इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।