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    सुरक्षा-व्यवस्था थी चाक-चौबंद

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 30 Nov 2018 10:26 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की चाक-चौबंद सुरक्षा-व्यवस्था के बीच शुक्रवार को दिल्ली पुलिस मुस्तैद थी। ...और पढ़ें

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    सुरक्षा-व्यवस्था थी चाक-चौबंद

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की चाक-चौबंद सुरक्षा-व्यवस्था के बीच शुक्रवार को दिल्ली में किसान मुक्ति मोर्चा का मार्च निकला। किसानों की सुरक्षा में कोई व्यवधान न आए इसके मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने एक सप्ताह पहले से तैयारी शुरू कर दी थी। बीते 2 अक्टूबर को भारतीय किसान यूनियन के दिल्ली कूच के दौरान उन्हें यूपी गेट पर ही रोक देने पर किसान आक्रोशित हो गए थे। उक्त घटना से सबक लेकर और हाई कमान से मिले निर्देश के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने इस बार फूंक-फूंक कर कदम रखा। पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने बुधवार रात ही सभी जिलों के डीसीपी को निर्देश दिया था कि वे किसानों को दिल्ली की सीमाओं पर न रोकें।

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    इस बार सीमाओं पर पुलिसकर्मियों की तैनाती नहीं की गई। किसान नेताओं ने एक सप्ताह पहले नई दिल्ली जिले के डीसीपी मधुर वर्मा से रामलीला मैदान से संसद तक रैली निकालने की अनुमति मांगी थी। पुलिस ने अनुमति देने से यह कहते हुए इंकार कर दिया था कि सुप्रीम कार्ट के दिशा-निर्देश के अनुसार पांच हजार से अधिक भीड़ वाले कार्यक्रम को अनुमति वहां नहीं दी जा सकती है। कई राज्यों से करीब एक लाख किसानों के आने की बात थी, लेकिन दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने रिपोर्ट दी थी कि 20-25 हजार किसान दिल्ली आएंगे। स्पेशल ब्रांच को यह सूचना भी मिल गई थी कि किसान मुक्ति मोर्चा की रैली में आने वाले किसान मेरठ के किसानों की तरह बवाल नहीं करेंगे, क्योंकि कुछ दिनों पहले इन्हीं किसानों ने महाराष्ट्र में भी शांतिपूर्व रैली निकाली थी, जिससे ट्रैफिक में भी दिक्कत नहीं आई थी। उसी के अनुसार पुलिस ने सुरक्षा-व्यवस्था की थी।

    नई दिल्ली रेंज के संयुक्त आयुक्त अजय चौधरी के मुताबिक किसानों की सुरक्षा में करीब साढे़ तीन हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। मध्य जिले से नई दिल्ली जिले तक पूरे रूट पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त थे। उप निरीक्षक रैंक के 850 पुलिसकर्मियों को मध्य जिले में तैनात किया गया था। इसके अलावा पैरा मिलिट्री की 12 कंपनी तैनाती थी, जिनमें दो कंपनियां महिला पुलिसकर्मियों की थी। एक कंपनी में 75-80 पुलिसकर्मी होते हैं। नई दिल्ली जिले में उप निरीक्षक रैंक के 346 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। अन्य जिलों से भी 600 पुलिसकर्मियों को सुरक्षा में लगाया गया था। इंस्पेक्टर से लेकर अतिरिक्त डीसीपी रैंक के 71 अधिकारियों के अलावा पैरा मिलिट्री की 9 कंपनी थीं।