यातायात पुलिस के बेहतर प्रबंध से किसान मार्च के दौरान स्थिति रही सामान्य
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : राजधानी में किसानों के मार्च को देखते हुए यातायात पुलिस ने पुख्ता ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : राजधानी में किसानों के मार्च को देखते हुए यातायात पुलिस ने पुख्ता योजना बनाई थी। जाम न लगे, इसलिए मार्च के रास्ते में यातायात पुलिस के एक हजार कर्मी तैनात किए गए थे। कई वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर नजर बनाए हुए थे। इसका असर रहा कि सुबह के समय लुटियन दिल्ली सहित कुछ स्थानों को छोड़कर कही भी लंबा जाम नहीं लगा। स्थिति समान्य रही, जिससे वाहन चालकों ने राहत की सांस ली।
अपनी मांगों को लेकर किसान संगठनों ने शुक्रवार को राजधानी में मार्च का ऐलान किया था। इसके तहत गुरुवार रात से ही उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध््रा प्रदेश, तामिलनाडु समेत अन्य राज्यों के किसान रामलीला मैदान में एकत्र होने शुरू हो गए थे। शुक्रवार को हजारों की संख्या में किसानों ने रामलीला मैदान से संसद मार्ग थाने की ओर मार्च किया। इसमें शामिल होने के लिए सुबह के समय बड़ी संख्या लोग बसों से दिल्ली पहुंचे थे, जिस वजह से मध्य दिल्ली सहित लुटियन दिल्ली में यातायात प्रभावित रहा।
कश्मीरी गेट व सराय काले खां बस अड्डे के पास वाहन चालकों को जाम का सामना करना पड़ा। राजघाट से रामलीला मैदान जाने वाला मुख्य मार्ग बंद होने से भी वाहन चालकों को परेशानी उठानी पड़ी। सुबह किसानों का जत्था रामलीला मैदान से महाराजा रणजीत सिंह फ्लाईओवर के रास्ते कनॉट प्लेस होते हुए संसद मार्ग पहुंचा। इस पूरे रास्ते पर सुबह से ही काफी संख्या में यातायात पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। किसानों की संख्या अधिक होने की वजह से यातायात भी परिवर्तित करना पड़ा। इस वजह से महाराजा रणजीत सिंह फ्लाईओवर, बाराखंबा चौक, जनपथ, जवाहरलाल नेहरू मार्ग, फिरोजशाह रोड, मंदिर मार्ग, पंचकुइयां रोड, अशोक रोड, कनॉट प्लेस के इनर और आउटर सर्किल में यातायात प्रभावित हुआ। वहां सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक जाम की स्थिति बनी रही। यातायात पुलिसकर्मियों की मुस्तैदी की वजह से लंबा जाम नहीं लगा। दोपहर बाद स्थिति सामान्य हुई। यातायात पुलिस के संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार ने बताया कि किसान मार्च के दौरान जाम न लगे इसके लिए खास रणनीति बनाई गई थी। कुछ रास्तों पर यातायात व्यवस्था में परिवर्तन किया गया था, जबकि अन्य स्थान पर सिग्नल का मैनुअली संचालन किया जा रहा था। जैसे ही किसान की भीड़ वहां पहुंचती वाहनों को रोककर किसानों को आगे निकाल दिया जा रहा था। उनके जाते ही दोबारा से यातायात शुरू कर दिया जाता था। किसान मार्च के रास्ते पर छह वरिष्ठ अधिकारियों को भी तैनात किया गया था। वाहन चालकों को जाम लगने वाले रास्ते के बारे में जानकारी देने के लिए यातायात पुलिस के फेसबुक पेज, ट्रैफिक हेल्पलाइन, वाट्सएप, ट्विटर हैंडल पर निर्देश दिए जा रहे थे।

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