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    रुक-रुक कर बढ़ रहा था काफिला

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 30 Nov 2018 10:15 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : कर्जमाफी के लिए विभिन्न राज्यों के 210 किसान संगठनों ने गुरुवार सु ...और पढ़ें

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    रुक-रुक कर बढ़ रहा था काफिला

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : कर्जमाफी के लिए विभिन्न राज्यों के 210 किसान संगठनों ने गुरुवार सुबह से ही रामलीला मैदान में डेरा डालना शुरू कर दिया था। शाम होते-होते किसानों की संख्या बढ़ती गई। रात 12 बजे के बाद से बड़ी संख्या में किसानों से भरी हुई बसें रामलीला मैदान पहुंची तो आस-पास के इलाके में चहल-पहल बढ़ गई। दूर-दराज से आने वाले किसानों के लिए देर रात तक लंगर चला। शुक्रवार को सूरज की किरणें फूटते ही किसान जोश से भर उठे। हर कोई संसद मार्ग तक पहुंचकर सरकार तक अपनी बात रखने को बेताब दिखा।

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    सुबह 10.30 बजे

    किसानों ने रामलीला मैदान से जैसे ही संसद मार्ग की ओर मार्च करना शुरू किया तो पहले से तैनात सुरक्षा बल पूरी तरह मुस्तैद हो गया। किसानों के निकलते ही काफी संख्या में पुलिसकर्मी और अ‌र्द्धसैनिक बल के जवान उनके आगे और पीछे चलने लगे। सुबह 11 बजे

    रामलीला मैदान से धीरे-धीरे मार्च रणजीत सिंह फ्लाईओवर पर पहुंचा। तमिलनाडु के किसान सबसे आगे चल रहे थे। फ्लाईओवर पर पहुंचते ही पूरा मार्च थम गया। इस दौरान दिल्ली गेट का ट्रैफिक पूरी तरह से रोक दिया गया था। अपराह्न 12 बजे

    जैसे मार्च संसद मार्ग पहुंचा तो हर कोई भागकर कुर्सी पर बैठकर अपनी थकान को मिटाने के लिए आतुर दिखा। दोपहर 1 बजे

    संसद मार्ग पूरी तरह से किसानों से भर गया। वे नारे लगा रहे थे, मांगें पूरी करने के लिए हुंकार भर रहे थे। किसान कर्ज मुक्ति का नारा हर ओर से सुनाई दे रहा था। 2 बजे

    मंच पर मौजूद विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं का भाषण शुरू हो गया था। 3:40 बजे

    कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी किसानों को संबोधित करने मंच पर पहुंचे। राहुल गांधी ने करीब दस मिनट तक किसानों को संबोधित किया। 4 बजे

    मंच पर करीब चार बजे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहुंचे। उन्होंने करीब दस मिनट तक किसानों को संबोधित किया। सवा चार बजे

    करीब सवा चार बजे केजरीवाल व अन्य नेता जैसे ही मंच से उतरे वैसे ही संसद मार्ग पर मौजूद किसानों ने भी अपनी कुर्सियां व स्थान छोड़ दिया। जो बसों से आए थे वे अपनी बसों की तलाश में लग गए।