दाती और उसके तीन भाइयों के खिलाफ आरोप पत्र दायर
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दुष्कर्म के मामले में आरोपित शनिधाम मंदिर के संस्थापक दाती म ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
दुष्कर्म के मामले में आरोपित शनिधाम मंदिर के संस्थापक दाती महाराज (असली नाम मदनलाल) व उसके तीन सौतेले भाइयों अनिल, अशोक एवं अर्जुन के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने सोमवार को साकेत कोर्ट में आरोप पत्र दायर कर दिया है। इन्हें बिना गिरफ्तार किए आरोप पत्र दायर किया गया है। दैनिक जागरण ने दो हफ्ते पहले ही खबर प्रकाशित कर बता दिया था कि बगैर किसी की गिरफ्तारी के पुलिस आरोप पत्र दायर करेगी। इनके खिलाफ दुष्कर्म, अप्राकृतिक यौन संबंध व छेड़छाड़ की धाराओं में आरोप पत्र दायर किया गया है। 300 पन्ने के आरोप पत्र में पीड़िता के अलावा उसकी बड़ी बहन के बयान को शामिल किया गया है। आरोप पत्र में कहा गया है कि दाती व उसके तीनों भाइयों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को पर्याप्त सुबूत नहीं मिले, इसलिए उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया। पीड़िता ने राजस्थान स्थित पाली आश्रम में जिन तीन तारीखों पर दुष्कर्म होने की बात कही थी, उनमें एक तारीख को वह वहां मौजूद नहीं थी। वह अजमेर में अपने कॉलेज में थी। उस दिन कॉलेज में पीड़िता की हाजिरी लगी है। वहीं, दिल्ली स्थित आश्रम में जिस दिन दाती पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया गया है, उस दिन शनि अमावस्या थी और दाती भस्म लगाकर पूजा एवं हवन में व्यस्त था। पुलिस को कोई ऐसा सुबूत नहीं मिला जिससे यह साबित हो सके कि उस दिन पीड़िता के साथ दाती ने जोर जबरदस्ती की थी। दाती के सहयोगी सचिन, नवीन व शक्ति से क्राइम ब्रांच ने पूछताछ की। उनके मोबाइल फोन में वॉयस कॉल मिली थीं, जिनसे पता चला कि तीनों दाती व उसके भाइयों को फंसाने के लिए साजिश रच रहे थे। तीनों पीड़िता व उसके परिजनों के संपर्क में थे। क्राइम ब्रांच के अनुसार पीड़िता की मां की मृत्यु हो जाने के बाद 2006 में पिता ने उसकी दो बहनों व भाई के साथ उसे आश्रम में रख दिया था। दाती ने चारों को पढ़ाया-लिखाया। बड़ी बहन आश्रम में साध्वी थी। उसके नाम पर आश्रम की कुछ प्रॉपर्टी भी है, लेकिन अब वह आश्रम छोड़कर चली गई है और प्रॉपर्टी के कागजात आश्रम को वापस नहीं किए हैं। इन मसले को भी आरोप पत्र में शामिल किया गया है। ज्ञात हो कि 10 जून को युवती ने फतेहपुरबेरी थाने में दाती और उसके भाइयों के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। अगले दिन केस क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया गया था।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।