एयरसेल-मैक्सिस केस में सीबीआइ को लताड़
- पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, अधिकारियों और कंपनियों के खिलाफ दायर किया गया था आरोप प˜ ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
एयरसेल-मैक्सिस केस में पटियाला हाउस स्थित विशेष अदालत ने सीबीआइ को ट्रायल से संबंधित सभी तरह की मंजूरी लेने के लिए सात सप्ताह का समय दिया है। सीबीआइ अभी तक आरोपित पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, अधिकारियों और कंपनियों के खिलाफ ट्रायल शुरू करने की मंजूरी संबंधित विभागों और मंत्रालयों से नहीं ले सकी है। विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी ने सीबीआइ को लताड़ लगाते हुए कहा कि अगर 26 नवंबर तक केस से संबंधित सभी दस्तावेज और मंजूरी पत्र कोर्ट में दाखिल नहीं किए गए तो अगले दिन कोर्ट उचित कार्रवाई करेगी। कोर्ट ने सीबीआइ से कहा कि पहले से ही इतने मामले विचाराधीन हैं। ऐसे में सिर्फ आरोप पत्र दाखिल करके कोर्ट का समय खराब करने का काम किया है। वहीं सीबीआइ की तरफ से दलील दी गई कि मंजूरी लेने का कार्य प्रगति पर है और जल्द ही मंजूरी पत्र प्राप्त कर कोर्ट में दाखिल किया जाएगा।
कोर्ट ने 31 जुलाई को हुई सुनवाई के दौरान सीबीआइ को दो माह का समय दिया था। सीबीआइ की तरफ से कोर्ट में दलील दी गई थी कि सभी आरोपितों के लिए ट्रायल शुरू करने की मंजूरी संबंधित उच्चाधिकारियों से नहीं मिली है। सीबीआइ जांच के बाद दाखिल किए गए पूरक आरोप पत्र में चिदंबरम पिता-पुत्र के अलावा 10 अन्य को भी आरोपित बनाया गया था, जिसमें कुछ अधिकारी और छह कंपनियां भी नामजद हैं। इन पर साजिश और भ्रष्टाचार सहित अन्य आरोप लगाए गए हैं।
आरोप है कि एयरसेल-मैक्सिस डील को मंजूरी देने के लिए कैबिनेट कमेटी को नजरअंदाज कर तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कैबिनेट कमेटी की अनुमति के बिना ही डील की मंजूरी दी थी, जबकि यह डील 3500 करोड़ रुपये की थी और इसमें कैबिनेट कमेटी की मंजूरी होना अनिवार्य था।

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