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    जैन मुनि की हालत गंभीर, दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालु

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 31 Aug 2018 09:14 PM (IST)

    अपने कड़वे प्रवर्चनों के लिए जाने जाने वाले जैन मुनि तरुण सागर जी महाराज की हालत काफी गंभीर हैं। जैन मुनि गंभीर बीमारी से पीड़ित है, जिसके इलाज के लिए वह वैशाली के मैक्स अस्पताल में कई दिनों से भर्ती रहे। गत बृहस्पतिवार को अस्पताल से छुट्टी के बाद उन्हें कृष्णा नगर के राधेपुरी लाया गया। यहां पर जैन मुनि का पहले से ही चातुर्मास कार्यक्रम तय था। यहां पर वह डॉक्टरों की निगरानी में हैं। उनके दर्शन के दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में चातुर्मास कर रहे जैन मुनि व देशभर से श्रद्धालु आने शुरु हो गए हैं। उनके स्वास्थ्य के लिए प्रार्थनाओं को दौर चल रहा है। जिस कमरें में तरुण सागर जी को रखा गया है वहां पर केवल अन्य जैन मुनियों व शिष्यों को जाने की ही इजाजत है। उनके अलावा किसी को उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा।

    जैन मुनि की हालत गंभीर, दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालु

    जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली : अपने कड़वे प्रवचनों के लिए जाने जाने वाले जैन मुनि तरुण सागर की हालत काफी गंभीर है। जैन मुनि गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं जिसके इलाज के लिए वह वैशाली के मैक्स अस्पताल में कई दिनों तक भर्ती रहे। गत बृहस्पतिवार को अस्पताल से छुट्टी के बाद उन्हें कृष्णा नगर के राधेपुरी स्थित चातुर्मास स्थल पर लाया गया है। यहां पर जैन मुनि का पहले से ही चातुर्मास कार्यक्रम तय था। यहां पर वह लगातार डॉक्टरों की निगरानी में हैं।

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    तरुण सागर के प्रवास स्थल पर उनके दर्शन के लिए देशभर से श्रद्धालु आने लगे हैं। उनके स्वास्थ्य लाभ के लिए जगह-जगह प्रार्थना की जा रही है। जिस कमरे में उन्हें रखा गया है वहां पर केवल अन्य जैन मुनियों व शिष्यों को जाने की ही इजाजत है। शुक्रवार को प्रवास स्थल के बाहर जुटे सैकड़ों श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए तरुण सागर चार बार मकान की बालकनी में आए और फिर अंदर चले गए।

    जानकारी के अनुसार, जैन मुनि तरुण सागर का गत 27 जुलाई से राधेपुरी में चातुर्मास कार्यक्रम चल रहा था। इसी बीच उनकी तबीयत खराब हुई जिसके बाद उन्हें वैशाली के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। करीब 15 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद पुन: उन्हें राधेपुरी जैन मंदिर के पास चार्तुमास स्थल पर 30 अगस्त को ले आया गया। उन्होंने अपने शिष्यों व श्रद्धालुओं से कहा कि यहीं पर संथारा लेंगे और समाधि भी उसी जगह बनाई जाए। शुक्रवार को उन्होंने खाना पीना छोड़ दिया। जब यह सूचना अन्य जैन मुनियों को लगी तो वह राधेपुरी पहुंचे और उन्होंने तरुण महाराज को समझाया कि अभी समाज को उनकी जरूरत है। वह इस तरह का फैसला अभी न लें। जैन मुनियों के समझाने पर उन्होंने थोड़ा बहुत खाना खाया। गत 29 अगस्त को तरुण सागर द्वारा लिखा गया एक पत्र भी सामने आया है, जिसमें उन्होंने अपनी इच्छा जाहिर की थी कि मैं बिना दीक्षा के नहीं जीना चाहता, अत: सभी मुझे जैन मुनि गुप्ति सागर के पास ले चलें, वही मेरा आगे का जीवन देखें, समाधि दें। उसके आगे भी उन्होंने काफी कुछ लिखा है। हालांकि उनके कुछ शिष्य इस पत्र का खंडन भी कर रहे हैं।

    तरुण सागर के शिष्य ब्रह्माचारी सतीश ने जानकारी दी कि तरुण सागर तेज बुखार और पीलिया की बीमारी से पीड़ित हैं। पीलिया उन्हें काफी ज्यादा है। संथारा व समाधि पर उन्होंने कहा कि ऐसा अभी कुछ नहीं है। आयुर्वेदिक तरीके से महाराज का इलाज चल रहा है। वहीं समाज के लोगों की मानें तो शनिवार को तरुण सागर महाराज को देखने के लिए जैन मुनि सौरभ सागर आएंगे। आगे क्या किया जाए, वहीं बताएंगे। पूर्वी दिल्ली नगर निगम के नेता सदन निर्मल जैन ने बताया कि तरुण सागर को देखने के लिए केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन व अन्य बड़े नेता आएंगे। बता दें कि तरुण सागर हरियाणा विधानसभा में व लाल किले से भी कड़वे प्रवचन दे चुके हैं।