यूपी के गौतमबुद्धनगर में दो इमारतों की छत गिरी, कई लोग घायल; तीन दिल्ली रेफर
दिल्ली-एनसीआर में पिछले दिनों हुई बारिश ने जहां लोगों को गर्मी से राहत पहुंचाई है वहीं, कमजोर इमारतों की भी पोल खोल कर रख दी है।
नोएडा (जेेएनएन)। दिल्ली-एनसीआर में पिछले दिनों हुई बारिश ने जहां लोगों को गर्मी से राहत पहुंचाई है वहीं, कमजोर इमारतों की भी पोल खोल कर रख दी है। यही वजह है कि भारी बारिश के कई दिनों बाद भी इमारतों के गिरने का सिलसिला जारी है।
ताजा मामले में बुधवार सुबह गौतमबुद्धनगर जिले में दो घरों की छतों के गिरने से आधा दर्जन लोगों के घायल होने का मामला सामने आया है। इमारत की छत गिरने की दोनों घटनाएं जेवर कोतवाली क्षेत्र के खाजपुर गांव में हुईं। यहां एक इमारत की छत अचानक भरभराकर गिर गई, जिसमें बड़ों के साथ बच्चे भी घायल हुए हैं।
इनमें से तीन गंभीर घायलों को दिल्ली रेफर किया गया है। वहीं, इसी गांव में ही एक अन्य इमारत की छत भी गिर गई, इसमें भी कई लोग घायल हुए हैं, जिन्हें नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
यहां पर बता दें कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट में जहां बहुमंजिला इमारतें सीना तान कर खड़ी हैं। वहीं चंद कंदमों की दूरी पर शाहबेरी गांव में जमींदोज हुई दो इमारतों ने फ्लैट खरीददारों को दोराहे पर खड़ा कर दिया है। तकनीकी कौशल व गुणवत्ता की कमी अवैध इमारत खड़ी करने वालों के सामने चुनौती बनकर खड़ी है लेकिन बिल्डर इससे बेपरवाह हैं।
ठगा महसूस कर रहे हैं खरीदार
प्राधिकरण ने अब तक 103 कॉलोनाइजरों को नोटिस जारी किया है। वहीं, ग्रेटर नोएडा में तीन इमारतों को गिराने के आदेश जारी किए गए है। अब फ्लैट खरीददार अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं। आशियाने के लिए लोन लेकर वह कर्जदार तक बन चुके है। बीच मझधार में फंसे निवेशकों को कुछ भी समझ नहीं आ रहा है। पैसा पहले ही जा चुका है और अब अशियाना को लेकर भी संशय की स्थिति बनी हुई है।
निवेशकों को किया गया भ्रमित
छोटे बिल्डरों ने शाहबेरी समेत आसपास के अन्य गांवों में इमारत खड़ी कर कम कीमत पर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने का सब्जबाग दिखाया। इमारत खड़ी कर निवेशकों को भ्रमित करने के लिए इमारतों का नाम नामचीन बिल्डरों की परियोजनाओं के नाम पर रखा गया। नौकरी की तलाश में दिल्ली एनसीआर में आए लोगों ने मेहनत से कमाई रकम को एक अदद छत के लिए बिल्डर के हाथों सौंप दिया। आशियाने के लिए लोन भी लिया गया।
घटिया सामग्री का किया गया इस्तेमाल
छोटे बिल्डरों ने आधे से भी कम कीमत पर निवेशकों को फ्लैट उपलब्ध कराने का सब्जबाग दिखाया। गौर सिटी से सटे होने व कम कीमत में फ्लैट मिलने का प्रलोभन देख कम बजट में आशियाना तलाश करने वाले निवेशक आसानी से इनके झांसे में आ गए। वहीं मुनाफे के चक्कर में निवेशकों ने जमकर घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर बहुमंजिला रेत के महल खड़े कर दिए। इमारतों के निर्माण में भवन नियमावली की पूरी तरह से अनदेखी की गई।
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