घुम्मनहेड़ा गोशाला को लेकर पेसोपेश में दिल्ली सरकार का पशु निदेशालय
- जिलाधिकारी को महज गोवंशों को स्थानांतरण की जिम्मेदारी जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : घुम्मनहेड़ा
- जिलाधिकारी को महज गोवंशों को स्थानांतरण की जिम्मेदारी जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : घुम्मनहेड़ा गोशाला से गोवंशों को स्थानांतरित करने का काम जारी है। यहां की गोशाला से गोवंशों को हटाकर दूसरी जगह भेजा जा रहा है। यह काम जिला प्रशासन की ओर से हो रहा है। लेकिन, घुम्मनहेड़ा गोशाला को लेकर अंतिम फैसला दिल्ली सरकार के पशु निदेशालय को करना है। दक्षिणी पश्चिमी जिला के जिलाधिकारी अभिषेक देव ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि घुम्मनहेड़ा गोशाला में फिलहाल गोवंशों को यहां से हटाया जा रहा है। इसके ऊपर कोई भी निर्णय पशु निदेशालय ही लेगा। लेकिन, अभी तक पशु निदेशालय इस मामले को लेकर काफी पेसोपेश में है।
घुम्मनहेड़ा गोशाला को लेकर अनिश्चितता की स्थिति इसलिए बनी हुई है, क्योंकि गांव के 20 एकड़ जमीन पर चल रहे इस गोशाला की उपयोगिता बदली नहीं जा सकती। चूंकि, भूमि अधिग्रहण का काम गांव की जमीन की उपयोगिता नहीं बदले जाने की वजह से फंसी हुई है। इसलिए अधिग्रहण का काम भी रुका हुआ है। ऐसे में पशु विभाग इस जमीन को चाहकर भी इसे किसी अन्य विभाग को काम के लिए नहीं सौंप सकता है। जानकारों का कहना है कि यह जमीन गोशाला की है। अधिकांश हिस्सों पर गोवंशों के लिए चारा उगाने का काम होता है। ऐसे में जब तक इस जमीन का उपयोग न हो, तब तक इसे पार्क के तौर पर विकसित किया जा सकता है। चूंकि, गांव में पार्क के लायक कोई जमीन नहीं है। इसलिए स्थानीय विधायक इस जमीन पर पार्क बनाने की बात कह रहे हैं। वहीं, इस मामले पर अभी पशु निदेशालय मौन है। स्थिति नियंत्रण में होने के बाद पशु निदेशालय दोबारा गोशाला चलाने की अनुमति दे सकता है।
जानकारी है कि गुरुग्राम में काम कर रही ध्यान फाउंडेशन इस गोशाला को चलाने की तैयारी कर रही है। हालांकि, पहले भी ध्यान फाउंडेशन इस गोशाला को चलाने का अनुरोध ग्रामीणों से कर चुकी है। लेकिन, ग्रामीणों ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था और स्वयं ही देखभाल करने को तैयार थे।

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