प्रधानमंत्री आवास योजना में घर बनाने के लिए खास तकनीक का होगा इस्तेमाल, जानें- खासियत
शियर वॉल तकनीक में स्ट्रक्चर वैसे ही खड़ा किया जाता है, जैसे सामान्य इमारतों में होता है। फर्क यह होता है कि सामान्य निर्माण में दीवारें ईंट की बनती हैं।
गाजियाबाद [जेएनएन]। प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाइ) के तहत अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर बहुमंजिला इमारतें बनाई जाएंगी। स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की शियर वॉल तकनीक से निर्माण किया जाएगा। इससे इमारत बनाने में कम वक्त लगेगा। ईंटों के निर्माण की तुलना में इस तकनीक पर बनी इमारत अधिक मजबूत होगी। इसमें कम आय वर्ग को फ्लैट दिए जाने हैं। उनको यह फायदा होगा कि इसमें रखरखाव की बहुत ज्यादा जरूरत नहीं है। जीडीए अधिकारियों ने इस पर मंथन शुरू कर दिया है। कंसलटेंट ने उन्हें बताया है कि इससे बनाने में लागत सामान्य निर्माण जितनी आएगी।
ऐसे होगा निर्माण
शियर वॉल तकनीक में स्ट्रक्चर वैसे ही खड़ा किया जाता है, जैसे सामान्य इमारतों में होता है। फर्क यह होता है कि सामान्य निर्माण में दीवारें ईंट की बनती हैं। शियर वॉल तकनीक के लिए स्ट्रक्चर में खांचे बनाए जाते हैं। उन खांचों में पूर्व निर्मित कंक्रीट की दीवार को फंसा दिया जाता है। इससे दीवार तैयार हो जाती है। अपनी जरूरत के हिसाब से हर तरह की कंक्रीट की दीवार बनवाना संभव है। उसमें चाहें तो दरवाजे, खिड़की और रोशनदान के लिए जगह छोड़ी जा सकती है। जिस तरह से मेट्रो कॉरिडोर और एलिवेटेड रोड के कंक्रीट के स्लैब पहले से तैयार कर फिट किए जाते हैं। ऐसे ही बहुमंजिला इमारत बनाने के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल होता है। कई नामचीन बिल्डर इस तकनीक पर इमारतें बना रहे हैं।
सुरक्षित होती है इमारत
इस तकनीक पर बनी इमारत भूकंपरोधी होती है। प्लास्टर नहीं होता, जिससे उसके गिरने का डर नहीं रहता। रखरखाव की बहुत ज्यादा जरूरत नहीं होती। सामान्य निर्माण की तुलना में आधे से कम वक्त में इमारत को खड़ा किया जा सकता है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 36 हजार फ्लैट 2022 तक बनाने हैं। इस तकनीक के सहारे लक्ष्य को इससे पहले पूरा किया जा सकता है।
पीएमएवाइ के तहत यहां बनेंगे फ्लैट
प्रताप विहार-2400
कोयल एंक्लेव-2112
निवाड़ी-1056
कोयल एंक्लेव में 12 मंजिल इमारत बनेगी, छोटा होगा आकार
कोयल एंक्लेव में 12 मंजिल की इमारत बनाई जाएगी। फ्लैट की संख्या बढ़ाने के लिए ऐसा किया जा रहा है। इसके अलावा पहले यहां एक फ्लैट का आकार 29 वर्ग मीटर तय किया गया था। अब उसे कम करके 22.77 वर्ग मीटर करने के लिए कंसलटेंट को कहा गया है।
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