स्टैंडर्ड फ्लोर बसों की खरीद पर लगी रोक हटाने से इन्कार
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : स्टैंडर्ड फ्लोर बसों की खरीद पर लगी रोक हटाने से दिल्ली हाई क
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
स्टैंडर्ड फ्लोर बसों की खरीद पर लगी रोक हटाने से दिल्ली हाई कोर्ट ने एक बार फिर इन्कार कर दिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी. हरिशकर की पीठ ने कहा कि दिल्ली सरकार को स्टैंडर्ड फ्लोर बसें खरीदने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
गत बुधवार को हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को हलफनामा दाखिल कर यह बताने के लिए कहा था कि राजधानी में कब तक सभी बसें और बस स्टॉप दिव्यांगों के अनुकूल हो जाएंगे। साथ ही कोर्ट ने सरकार को दिल्ली के ग्रामीण क्षेत्रों में टूटी सड़कों की मरम्मत करने की समयसीमा बताने को कहा था, ताकि उन इलाकों में लो-फ्लोर बसों का परिचालन हो सके। हाई कोर्ट ने कहा था कि जब सरकार दोनों मसलों पर हलफनामा दाखिल कर जवाब देगी तभी वह दो हजार स्टैंडर्ड फ्लोर बसें खरीदने की अनुमति देने पर विचार कर सकता है। सुनवाई के दौरान परिवहन आयुक्त वर्षा जोशी ने कोर्ट में कहा कि एक दिन में हलफनामा दाखिल करना संभव नहीं है। इस पर परिवहन मंत्री से चर्चा नहीं हो पाई है और इसके बगैर हलफनामा दाखिल करना संभव नहीं था। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ऐसा लगता है सरकार का परिवहन विभाग इस मामले को लेकर गंभीर नहीं है। बता दें कि हाई कोर्ट ने गत 23 मई को स्टैंडर्ड फ्लोर बसें खरीदने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। पेश मामले में निपुण मल्होत्रा ने याचिका दाखिल कर 300 करोड़ रुपये की लागत से राजधानी में 2000 स्टैंडर्ड फ्लोर बसों की खरीद के सरकार के फैसले को चुनौती दी है। उनका कहना है कि बसें दिव्यांगों के अनुकूल नहीं हैं।
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