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    एक करोड़ रुपये की फिरौती के लिए पहले किया अपहरण, फिर चचेरे भाई को मरवा डाला

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Fri, 01 Jun 2018 11:24 AM (IST)

    पंकज ने बताया कि उसके चाचा ने पिछले कुछ सालों में तेजी से तरक्की कर मकान बनवा लिया था। मकान में कई एसी लगवाए। हाल में ही एक कार खरीदी थी। वह भी चाचा की तरह तेजी से रुपये कमाना चाहता था।

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    एक करोड़ रुपये की फिरौती के लिए पहले किया अपहरण, फिर चचेरे भाई को मरवा डाला

    नई दिल्ली (स्वदेश कुमार)। कारोबारी के बेटे साहिल के अपहरण की साजिश करीब दो महीने पहले ही रची जा चुकी थी और अपहर्ता चार बार रेकी भी कर चुके थे। साहिल के चचेरे भाई पंकज ने नोएडा में मैकेनिक का काम करने वाले अपने साथी नसीमुद्दीन को इसके लिए तैयार किया और फिरौती की रकम में बराबर की हिस्सेदारी का वादा किया। इसके बाद नसीमुद्दीन ने अपने तीन साथियों को भी साजिश में शामिल किया।

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    इधर पंकज व उसके साथियों ने फर्जी दस्तावेजों पर तीन मोबाइल सिम के इंतजाम किए और चार दिन तक साहिल की रेकी की। घर से स्कूल के रास्ते के अलावा खेलने-कूदने वाले पार्क तक भी गए। मंगलवार शाम पंकज जीटीबी एंक्लेव में एक एटीएम के पास साहिल को ले गया और दोस्तों के साथ घूमने जाने का बहाना बनाकर उनकी कार में बैठा दिया। पंकज ने खुद दूसरी कार से आने की बात कही। इसके बाद चारों अपहर्ता साहिल को गाजियाबाद के डासना ले गए। रास्ते में ही नींद की गोलियां मिलाकर कोल्ड ड्रिंक पिला दी और रात करीब 10 बजे उसके पिता संतराम को फिरौती के लिए फोन किया। पुलिस के मुताबिक, बदमाशों ने फिरौती के लिए मंगलवार रात में ही दो बार फोन किए। इसके बाद कोई फोन नहीं आया। इधर, पंकज घर में ही रहकर सभी गतिविधियों पर नजर रख रहा था।

    कोड वर्ड में भेजा मैसेज, मार डालो

    फिरौती के लिए दूसरा फोन आने के बाद संतराम ने पुलिस को इसकी सूचना दी। उस समय पंकज भी साथ में था। उसने कोड वर्ड में अपने साथियों को पहला एमएसएस भेजा, जिसमें पी लिखा था। यानी पुलिस को सूचना दे दी गई है। अगले एसएमएस में उसने एम लिखा। यानी मार डालो। यह संदेश मिलते ही बदमाशों ने नशे की हालत में ही साहिल को गंगनहर में डुबोकर मार डाला और शव को बहा दिया। इसके बाद अपहर्ताओं ने दोनों सिम भी नष्ट कर दिए।

    चाचा की तरक्की देख जलता था पंकज

    पंकज ने बताया कि उसके चाचा ने पिछले कुछ सालों में तेजी से तरक्की कर मकान बनवा लिया था। मकान में कई एसी लगवाए। हाल में ही एक कार खरीदी थी। वह भी चाचा की तरह तेजी से रुपये कमाना चाहता था। इसलिए उसने साजिश रची। पंकज आजादपुर में एक आढ़ती के पास काम करता था और नशे का आदी हो चुका था। इस वजह से उसकी शादी भी ज्यादा दिन नहीं चली और पत्नी से अलगाव हो गया।

    रिश्ते के साथ भरोसे का भी कत्ल

    संतराम का संयुक्त परिवार है। बी-1 के मकान नंबर 268 में संतराम के अलावा तीन भाई मोहनलाल मेहरा, राजेंद्र व संजीव के परिवार भी रहते हैं। पंकज मोहनलाल का बेटा है। संतराम पंकज को भी अपने बेटे की तरह मानते थे और उन्होंने ही पंकज की पढ़ाई करवाई। कपड़े तक दिलाते थे। पिछले दिनों खुलेआम शराब पीते पकड़ा गया तो संतराम ने ही उसे पुलिस से बचाया था। संतराम उसका करियर संवारने के लिए विदेश भी भेजना चाहते थे। वहीं, साहिल का भी पंकज से बहुत लगाव था, लेकिन पंकज ने रिश्ते के साथ इस प्यार और भरोसे का भी कत्ल कर दिया। इसके बावजूद परिजनों को अभी तक यह यकीन नहीं हो रहा है कि पंकज ऐसा काम कर सकता है। उधर, घटना के बाद माता-पिता के साथ बड़ी बहन गहरे सदमे में हैं। इकलौते बेटे की मौत ने माता-पिता को बुरी तरह तोड़ दिया है।