यहां कोई सरहद नहीं, ज्ञान का दीप जलाने 60 देशों के 800 से ज्यादा प्रोफेसर आएंगे भारत
जिन देशों के सबसे ज्यादा प्रोफेसरों ने योजना को लेकर उत्साह जताया है, उनमें अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जापान, कनाडा, इटली, जर्मनी, फ्रांस, स्वीडन आदि देश शामिल हैं।

नई दिल्ली (अरविंद पांडेय)। भारतीय छात्रों के ज्ञान का दायरा अब बढ़ेगा। वह पूरी दुनिया से रूबरू होंगे। उन्हें पढ़ाने के लिए इस साल 60 देशों के आठ सौ से ज्यादा प्रोफेसर भारत आएंगे, जो देश के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद संस्थानों में अलग-अलग विषयों की क्लास लेंगे। साथ ही यह भी बताएंगे कि उनके देश में इन विषयों की पढ़ाई किस तरह से होती है? संस्थानों का यह चयन उनकी ओर से की गई मांग के आधार पर किया गया है।
इसके अलावा, विदेशी संस्थानों की ओर से भारतीय छात्रों के लिए ऑनलाइन क्लास भी आयोजित की जाएगी। यह क्लास स्वयं पोर्टल के लिए ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए विशेष रूप से आयोजित होगी। उच्च शिक्षण संस्थानों में गुणवत्ता को विश्वस्तरीय बनाने में जुटी सरकार की इस पहल को इसी अभियान से जोड़कर देखा जा रहे है।
इसके तहत ग्लोबल इनीशिएटिव ऑफ एकेडेमिक नेटवर्क (ज्ञान) योजना भी शुरू की गई है। इसके तहत सरकार ने वर्ष 2018-19 के लिए विदेशी प्रोफेसरों से आवेदन मांगे थे। यह आवेदन संस्थान और विषयवार मांगे गए थे। इनमें मेडिकल, प्रबंधन, इंजीनियरिंग, बायो टेक्नालॉजी सहित ऐसे विषयों को शामिल किया गया था, जिन्हें पढ़ने के लिए मौजूदा समय में बड़ी संख्या भारतीय छात्र हर साल विदेशी संस्थानों की ओर रुख करते हैं।
जिन देशों के सबसे ज्यादा प्रोफेसरों ने इन योजना को लेकर उत्साह जताया है, उनमें अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जापान, कनाडा, इटली, जर्मनी, फ्रांस, स्वीडन आदि देश शामिल हैं। मंत्रालय का मानना है कि इस तरह के शैक्षणिक विचार-विमर्श प्रोग्राम से भारतीय छात्रों को दुनिया को समझने का मौका मिलेगा। साथ ही संबंधित विषयों पर दुनिया में मौजूद ज्ञान से भी परिचित होंगे।

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