सरकारी एजेंसियों की लापरवारी के चलते गई हिमांशु की जान
संबंधित अधिकारी समय रहते इस पर ध्यान देते तो यह दु:खद घटना नहीं होती। ...और पढ़ें

नई दिल्ली (संजय सलिल)। नरेला इलाके की गौतम कालोनी में सरकारी एजेंसी की बड़ी लापरवाही के कारण मासूम हिमांशु को अपनी जान गंवानी पड़ी। रेलवे लाइन के किनारे से होकर गुजरने वाले इस नाले का निर्माण वर्ष 2005 के आसपास कराया गया था। करीब दो किलोमीटर लंबा यह नाला तब पूरी तरह से ढका हुआ था।
वहीं, देखरेख के अभाव में अधिकांश हिस्सों के स्लैब टूटते चले गए और अब यह पूरी तरह से खुला हुआ है। इस नाले में पहले भी कई मवेशी व लोग गिर चुके हैं। इलाके के लोगों ने बताया कि नाले को ढकने के लिए कई बार डीडीए समेत अन्य सरकारी एजेंसियों से शिकायतें की गई थीं, लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
संबंधित अधिकारी समय रहते इस पर ध्यान देते तो यह दु:खद घटना नहीं होती। फेडरेशन आफ नरेला के अध्यक्ष जोगिंदर दहिया के मुताबिक इस नाले में बांकनेर, जेजे कलस्टर, गौतम कालोनी, स्वतंत्र नगर समेत कई कालोनियों के गंदे पानी का निकास होता है।
यह नाला करीब सात फुट गहरा है, जिसमें हर समय चार फुट तक पानी भरा रहता है। नाले के किनारे ही कई लोगों के मकान बने हैं। पूर्वांचल जनहित सोसायटी नरेला के महासचिव विनीत कुमार बताते हैं कि नाले के निर्माण के बाद कभी सफाई नहीं किए जाने से इसमें काफी मात्रा गाद भरी है।
नाले की गहराई इतनी है कि उसमें बच्चे क्या बड़े भी गिर जाए तो उन्हें गाद के कारण निकालना मुश्किल है। यह नाला सफियाबाद से पहले दाहिनी ओर बड़े नाले में मिल रहा है, जो आगे सिंधु बॉर्डर की ओर बह रहा है। उन्होंने बताया कि नाले के रखरखाव को लेकर नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, रेलवे व डीडीए एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोप देते हैं। ऐसे में सालों से इसकी सफाई नहीं हुई और न ही टूटे स्लैब की मरम्मत की ही गई।

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