दिल्ली HC ने कहा- समझौता होने पर भी खत्म नहीं होगी दुष्कर्म मामले की FIR
कोर्ट ने याची की दलील को दरकिनार करते हुए याचिका खारिज कर दी। ...और पढ़ें

नई दिल्ली (विनीत त्रिपाठी)। दुष्कर्म, अप्राकृतिक यौन शोषण और जान से मारने की धमकी देने जैसी गंभीर धाराओं में दर्ज एफआइआर को खत्म करने की मांग को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने कहा कि गंभीर धाराओं में दर्ज एफआइआर को सिर्फ इस आधार पर खत्म नहीं किया जा सकता कि दोनों पक्षों में समझौता हो गया है।
निश्चित तौर पर याची व पीड़िता पति-पत्नी हैं, लेकिन दोनों तरफ से रिपोर्ट दर्ज कराई गई है और पीड़िता ने बयान में आरोपों को दोहराया है। ऐसे में एफआइआर को खत्म करने का कोई आधार नहीं है। यह पूरा मामला वर्ष 2016 में भजनपुरा थाने में दर्ज एफआइआर से जुड़ा है।
महिला ने आरोप लगाया था कि उसकी शादी 16 साल पहले हुई थी और उसकी 4 लड़कियां हैं। उसके पति ने बिना बताए दूसरी शादी कर ली और उसके साथ मारपीट करने लगा। जुलाई 2015 को उसका पति दोस्त राजा के साथ आया और उसने उसके साथ दुष्कर्म किया।
वहीं पति ने अप्राकृतिक यौन शोषण किया। घटना के अगले दिन राजा दोबारा घर आया और उसके साथ दुष्कर्म किया और जान से मारने की धमकी दी। युवती ने यह भी आरोप लगाया कि पति के भाई ने उसे पीटा और घर से निकाल दिया था।
याची के वकील हबीबुर रहमान ने दलील दी कि दोनों पक्षों में समझौता हो गया है, ऐसे में एफआइआर को खत्म कर दिया जाए। वहीं कोर्ट ने याची की दलील को दरकिनार करते हुए याचिका खारिज कर दी।

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