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    एक पेपर के 15 हजार तक लेते थे आरोपी, अब 19 लाख छात्र-छात्राओं का भविष्य दांव पर

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Thu, 29 Mar 2018 02:50 PM (IST)

    जांच में जुटी क्राइम ब्रांच की एसआइटी ने बुधवार रात को दिल्ली में कई जगहों पर छापेमारी की है। ...और पढ़ें

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    एक पेपर के 15 हजार तक लेते थे आरोपी, अब 19 लाख छात्र-छात्राओं का भविष्य दांव पर

    नई दिल्ली (जेएनएन)। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) गणित व इकोनॉमिक्स के प्रश्नपत्र लीक होने के बाद से जहां बैकफुट पर है, वहीं छात्रों का आरोप है कि पेपर वायरल होने के बाद 1300-1300 रुपये में बेचे भी गए हैं। हालांकि आरोप लगाने वाले छात्र अपनी पहचान जाहिर होने के डर से सामने आने से कतरा रहे हैं।

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    बारहवीं के छात्रों ने मार्च को इकोनॉमिक्स की परीक्षा दी थी, जबकि मार्च को दसवीं के छात्रों ने गणित की परीक्षा दी थी। इन दोनों विषयों के हाथ से लिखे हुए प्रश्नपत्र परीक्षा शुरू होने से पहले ही सोशल मीडिया में वायरल थे।

    नाम न बताने की शर्त पर एक छात्र ने कहा कि उनके दोस्तों ने कहा था कि उन्होंने 1300 रुपये में प्रश्नपत्र खरीदे थे, लेकिन वह प्रश्नपत्र कहां से आए थे, इसकी जानकारी खरीदने वाले उनके दोस्तों के पास भी नहीं है। एक अभिभावक कहते हैं कि मंगलवार शाम को हाथ से लिखा हुआ गणित का प्रश्नपत्र उनके मोबाइल फोन में आया था।

    भेजने वाले इसे दावे के साथ असली प्रश्नपत्र बताया था, लेकिन उन्होंने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया। बुधवार को आयोजित हुई परीक्षा के बाद जब असली प्रश्नपत्र से वायरल प्रश्नपत्र का मिलान किया तो तब सच्चाई का पता चला।

    राजकीय विद्यालय शिक्षक संघ दिल्ली के अध्यक्ष सीपी सिंह का कहना है कि उनसे भी कई अभिभावकों ने शिकायत की थी। सीबीएसई की लापरवाही के कारण प्रश्नपत्र लीक हुए हैं, जिसका खामियाजा बच्चों को उठाना पड़ रहा है। उच्च स्तरीय जांच कराई जानी चाहिए। वहीं, सूत्रों के हवाले से यह बात सामने आई है कि एक पेपर के लिए परीक्षार्थियों से आरोपी 10 से 15 हजार रुपये तक लेते थे। 

    बता दें कि बुधवार को दिल्ली पुलिस ने कहा था कि सीबीएसई की दसवीं के गणित व बारहवीं के इकोनॉमिक्स विषय का प्रश्नपत्र लीक मामले की जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच करेगी। सीबीएसई के क्षेत्रीय निदेशक ने पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक से शिकायत की, फिर क्राइम ब्रांच में दो एफआइआर दर्ज की गईं।

    बुधवार को पुलिस आयुक्त के साथ क्राइम ब्रांच के विशेष आयुक्त आरपी उपाध्याय व संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार की काफी देर तक मीटिंग हुई थी। जांच के लिए क्राइम ब्रांच ने विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन किया है, जिसमें दो डीसीपी, 4 एसीपी व पांच इंस्पेक्टरों को शामिल किया गया है।

    यहां पर बता दें कि पेपर लीक हो जाने की वजह से देशभर के 19 लाख छात्र-छात्राओं पर असर पड़ा है। बोर्ड परीक्षा के लिए में करीब 2,824,696 बच्चे शामिल हुए थे।

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