शहीद की पत्नी को वीरांगना कहे जाने की मांग
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : सीआइएसएफ मुख्यालय में शनिवार को ऑल इंडिया पुलिस गैलेट्री मेडल अवार्डी
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
सीआइएसएफ मुख्यालय में शनिवार को ऑल इंडिया पुलिस गैलेट्री मेडल अवार्डी वेलफेयर एसोसिएशन की वार्षिक कार्यकारी की बैठक का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता सीआइएसएफ के महानिदेशक ओपी सिंह ने किया। ओपी सिंह वेलफेयर एसोसिएशन के भी अध्यक्ष हैं। इस मौके पर पुलिस बल के पुरस्कार प्राप्त जवानों के परिजनों को मिली सुविधाओं की समीक्षा किए जाने के साथ ही शहीदों के परिवार कल्याण संबंधी मुद्दों को सुलझाने पर जोर दिया गया। बैठक में बीएसएफ के शहीद जवान की पत्नी ने शहीद की पत्नी को विधवा की जगह वीरांगना कहे जाने पर जोर दिया।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) के प्रवक्ता मंजीत सिंह ने बताया कि ऑल इंडिया पुलिस गैलेट्री मेडल अवार्डी वेलफेयर एसोसिएशन की स्थापना सन 1996 में की गई थी। बैठक के दौरान सर्व प्रथम एसोसिएशन की अब तक की यात्रा पर चर्चा की गई। बैठक के दौरान पूर्व में गठित नौ सदस्यीय सलाहाकार समिति के प्रमुख व सीआरपीएफ के एडिशनल डीजी आरपी सिंह ने कहा कि क्षेत्रीय कमेटी वीरता पुरस्कार प्राप्त सदस्यों के परिजनों की समस्याओं की पहचान करेगी और यह प्रयास किया जाएगा कि विशेषकर शहीद पुरस्कार प्राप्त जवान की परिजनों की समस्या का जल्द समाधान हो सके।
बैठक के दौरान बीएसएफ के शहीद जवान सुभाष शर्मा की पत्नी बबीता शर्मा ने सरकारी व अन्य दस्तावेज पर शहीद की पत्नियों को विधवा लिखे जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि विधवा शब्द से उन्हें दर्द पहुंचता है वहीं, इससे यह बोध होता है कि वे असहाय और कमजोर हैं, जबकि उनके पति ने बहादुरी और साहस से लड़ते हुए देश के लिए जान दी है। इसलिए शहीद जवानों की पत्नियों को वीरांगना कहा जाए। इस मौके पर सीआइएसएफ के एडिशनल डीजी आरके मिश्रा व पंजाब पुलिस के पूर्व डीजी राजिंदर सिंह इत्यादि मौजूद रहे।
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