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    एम्स के पूर्वी परिसर में बनेंगे 1500 बेड के नए सेंटर

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 30 Jun 2018 09:00 PM (IST)

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : एम्स में मरीजों के बढ़ते दबाव के मद्देनजर संस्थान के विस्तार के लिए कई परि

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    एम्स के पूर्वी परिसर में बनेंगे 1500 बेड के नए सेंटर

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : एम्स में मरीजों के बढ़ते दबाव के मद्देनजर संस्थान के विस्तार के लिए कई परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इस क्रम में संस्थान के पूर्वी परिसर में 1500 बेड के नए सेंटर बनाए जाएंगे। एम्स प्रशासन ने इसपर प्रमुखता से काम शुरू करने का निर्णय लिया है। उम्मीद है कि जल्द ही इस परियोजना पर काम शुरू होगा। इसके पूरा होने से दिल्ली के साथ-साथ अन्य राज्यों से इलाज के लिए एम्स पहुंचने वाले लोगों को भी बड़ी राहत मिलेगी।

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    उल्लेखनीय है कि वर्तमान में एम्स में करीब 2365 बेड हैं। संस्थान में मरीजों का दबाव अधिक होने से यह सुविधा कम पड़ रही है। इस कारण जांच से लेकर सर्जरी तक में मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। संस्थान के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि एम्स की ओपीडी में प्रतिदिन 12,000 मरीज आते हैं, जबकि हर साल करीब 42 लाख मरीज एम्स पहुंचते हैं इसलिए संस्थान के पूर्वी परिसर (अंसारी नगर पूर्व) में 1500 बेड के नए सेंटर बनाए जाएंगे। यहां विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए कई सेंटर बनाए जाएंगे, जिनमें इमरजेंसी ब्लॉक भी शामिल होगा। इनके अलावा मस्जिद मोड़ के पास पूर्वी परिसर में 200 बेड का सर्जिकल ब्लॉक, मातृ व शिशु ब्लॉक व ओपीडी ब्लॉक बनाया जा रहा है। इन सभी ब्लॉकों के तैयार होने से एम्स में बेड क्षमता करीब दोगुनी हो जाएगी।

    योजना में किया गया बदलाव

    एम्स ट्रॉमा सेंटर के नजदीक संस्थान के पश्चिमी परिसर में कई चिकित्सा सेंटरों के निर्माण की योजना है, जबकि पूर्वी परिसर के पास डॉक्टरों के लिए आवास बनने थे। अब इस योजना में थोड़ा बदलाव किया गया है। एम्स का मुख्य अस्पताल, कार्डियक न्यूरो सेंटर, कैंसर सेंटर, डेंटल सेंटर इत्यादि पूर्वी परिसर में है। इसलिए तय किया गया है कि सभी चिकित्सा सेंटर एक तरफ होंगे और आवासीय परिसर दूसरी तरफ।

    संस्थान के विस्तार के लिए केंद्र सरकार गंभीर

    एम्स की विस्तार परियोजनाओं पर केंद्र सरकार भी गंभीर है। इसका अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि एक दिन पहले एम्स व सफदरजंग अस्पताल की पांच चिकित्सा सुविधाओं को शुरू करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एम्स पर इलाज का भारी दबाव होने व संस्थान के विस्तार की बात कही।