Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विद्युत लोकपाल ने बीआरपीएल पर लगाया जुर्माना

    By Edited By:
    Updated: Fri, 22 Jul 2016 09:17 PM (IST)

    अरविंद कुमार द्विवेदी, दक्षिणी दिल्ली उपभोक्ता की शिकायत का निवारण करने के बजाय उसे परेशान करना ब

    अरविंद कुमार द्विवेदी, दक्षिणी दिल्ली

    उपभोक्ता की शिकायत का निवारण करने के बजाय उसे परेशान करना बिजली आपूर्ति करने वाली कंपनी बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (बीआरपीएल) को महंगा पड़ गया। लापरवाही का दोषी पाते हुए विद्युत लोकपाल ने कंपनी पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग की शर्तो का उल्लंघन करने के एवज में उपभोक्ता को बतौर क्षतिपूर्ति 36,600 रुपये देने का भी आदेश दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पीड़ित उपभोक्ता का आरोप था कि बीआरपीएल के अधिकारी उसका जला हुआ मीटर बदलने के बजाय बार-बार बिजली चोरी का मुकदमा कर उसे परेशान करते रहे। विद्युत लोकपाल ने सुनवाई के दौरान उपभोक्ता के आरोप सही पाए।

    बदरपुर के मोलड़बंद इलाके में मुकेश कुमार की कपड़ा सिलाई की यूनिट है, जिसमें उन्होंने पांच किलोवाट का बिजली का कनेक्शन ले रखा है। 24 सितंबर 2011 को उनका बिजली का मीटर जल गया था। उन्होंने 26 सितंबर को डिस्कॉम में इसकी शिकायत दर्ज करवाई। कंपनी ने उनका कनेक्शन बाइपास (डायरेक्ट सप्लाई) कर दिया। नया मीटर लगाने के बजाय कंपनी के अधिकारियों ने 17 अक्टूबर 2011 को उनके यहां छापा मारा और बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज कर साढ़े पांच लाख रुपये का एसेसमेंट बिल भेज दिया। नियमानुसार, मीटर जलने की शिकायत के तीन दिन के अंदर नया मीटर लगाना अनिवार्य है। मुकेश ने साढ़े पांच लाख जमा नहीं किए तो कंपनी ने 28 फरवरी, 2012 को साकेत स्थित स्पेशल कोर्ट ऑफ इलेक्ट्रिसिटी में उनके खिलाफ आपराधिक शिकायत कर दी। कंपनी के अधिकारियों ने कोर्ट में कुबूल किया कि कनेक्शन बाइपास उन्होंने ही किया था। इस आधार पर 28 अगस्त 2012 को चोरी का केस वापस ले लिया गया और यह तय किया गया कि 26 सितंबर से 11 अक्टूबर के दौरान औसत खपत के आधार पर बिल लिया जाए।

    स्पेशल कोर्ट के आदेश के बावजूद कंपनी ने करीब एक साल बाद 12 हजार रुपये का एसेसमेंट बिल भेजा। जिसे मुकेश ने अदा कर कंपनी से नो-ड्यूज सर्टिफिकेट प्राप्त कर लिया, लेकिन कंपनी ने 2 जुलाई 2013 को उनके यहां फिर से छापा मारकर उन पर बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज कर दिया। इस बार कंपनी ने उन्हें 7,62,833 रुपये के बिल का नोटिस थमा दिया। इसके खिलाफ 13 सितंबर 2013 को मुकेश ने बीआरपीएल के कंज्यूमर ग्रीवांस रिड्रेसल फोरम (सीजीआरएफ) में अपील कर क्षतिपूर्ति की मांग की। सीजीआरएफ के आदेश पर कंपनी ने बिजली चोरी का दूसरा मुकदमा व 7.62 लाख रुपये के बिल को वापस लिया।

    क्या कहा लोकपाल ने

    विद्युत लोकपाल सुंदरम कृष्णा ने अपने फैसले में कहा है कि डीईआरसी सप्लाई कोड एंड परफॉरमेंस स्टैंडर्ड रेगुलेशन- 2007 के अनुसार, मीटर तीन दिन में बदला जाना चाहिए था, लेकिन कंपनी ने मीटर बदलने के बजाय उपभोक्ता पर चोरी का मुकदमा कर दिया। कंपनी ने स्पेशल कोर्ट के आदेश का पालन करने के बजाय उस पर दूसरी बार बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज किया। यहां तक कि उपभोक्ता को संशोधित बिल भी सीजीआरएफ के हस्तक्षेप के बाद दिया। बार-बार ऐसा करके कंपनी ने न तो सेवा शर्तो का पालन किया और न ही उपभोक्ता हितों का ध्यान रखा। विद्युत लोकपाल ने इसे डिस्कॉम की गंभीर लापरवाही मानते हुए कंपनी को आदेश दिया कि वह पहली शिकायत से उसके निवारण तक यानी 784 दिनों में से छुट्टियों को हटाकर 672 कार्य दिवसों के लिए 50 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 36,600 रुपये बतौर क्षतिपूर्ति उपभोक्ता को अदा करे। साथ ही उपभोक्ता को हुई परेशानी और सेवा में खामियों के एवज में 10 हजार रुपये अतिरिक्त नुकसान भरपाई के रूप में अदा करे। उपभोक्ता को यह दोनों राशि दो सप्ताह के अंदर अदा किया जाए।

    comedy show banner
    comedy show banner