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अफजल गुरू की बरसी पर जेएनयू में हंगामा

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : संसद पर हुए आतंकी हमले में शामिल होने के कारण फांसी की सजा पाने वाले अफजल

By Edited By: Published: Tue, 09 Feb 2016 09:37 PM (IST)Updated: Tue, 09 Feb 2016 09:37 PM (IST)

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : संसद पर हुए आतंकी हमले में शामिल होने के कारण फांसी की सजा पाने वाले अफजल गुरू और जम्मू एंड कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के संस्थापक मकबूल भट की याद में मंगलवार शाम को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में सांस्कृतिक संध्या के आयोजन को लेकर जमकर हंगामा हुआ। कैंपस में सक्रिय कुछ कश्मीर, दलित व अल्पसंख्यक विद्यार्थियों की ओर से अफजल गुरू की बरसी पर आयोजित इस कार्यक्रम पर एबीवीपी को ऐतराज था और इसी के चलते न सिर्फ हंगामा हुआ बल्कि बात हाथपाई व मारपीट तक जा पहुंची। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रशासन को हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस बुलानी पड़ी।

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जेएनयू छात्रसंघ के संयुक्त सचिव व एबीवीपी से जुडे़ सौरभ शर्मा ने कहा कि कैंपस में संसद हमले के दोषी अफजल गुरू की बरसी मनाने का औचित्य उनकी समझ से परे है। यही कारण है कि वे उक्त आयोजन का विरोध कर रहे हैं। सौरभ ने कहा कि उन्होंने जब इस आयोजन की जानकारी प्रशासन को दी तो इसे लेकर प्रशासन ने स्पष्ट किया कि ऐसा कोई कार्यक्रम कैंपस में नहीं होगा। जब प्रशासन के इन्कार के बावजूद ये आयोजन किया गया तो हम लोगों ने इसके खिलाफ प्रदर्शन किया। सौरभ ने कहा कि हमारी मांग है कि एक आतंकी को शहीद बताने वाले विद्यार्थियों और उनको सहयोग कर रहे कैंपस के अन्य शिक्षकों व छात्रों की जांच हो। जहां तक इस कार्यक्रम की बात है तो हम केंद्रीय गृहमंत्रालय से भी मांग करेंगे कि इस आयोजन से जुडे़ व इसमें शामिल लोगों की भूमिका की भी जांच कराई जाए।

इस संबंध में जब जेएनयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार से पूछा गया तो उनका कहना था कि उक्त कार्यक्रम अफजल गुरू के पक्ष में कतई नहीं था। इसके पीछे का उद्देश्य यह बताना था कि किस तरह से हमारा न्यायिक ढंाचा काम करता है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का नाम था 'द कंट्री विदाउट ए पोस्ट ऑफिस'। उन्होंने कहा कि जब अफजल को फांसी दी जा चुकी थी तो उसके कई दिन बाद इसकी सूचना से संबंधित पत्र उसके परिवार को मिला। कन्हैया ने कहा कि साबरमती लॉन में आयोजित इस कार्यक्रम को पहले प्रशासन ने मंजूरी दे दी थी, लेकिन एबीवीपी के विरोध के चलते इस मंजूरी को रद किया गया। कन्हैया कहते हैं कि ये किसी भी तरह से उचित नहीं है कि प्रशासन किसी एक संगठन के दबाव में काम करे। यदि उन्हें इस आयोजन पर ऐतराज था तो इसकी मंजूरी ही नहीं दी जानी चाहिए थे। कन्हैया ने कहा कि देश में सभी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। ऐसे में यदि कुछ विद्यार्थी किसी माध्यम से अपनी भावनाएं व्यक्त करना चाहते हैं तो उसपर हंगामा अनुचित है।

एबीवीपी ने किया विश्वविद्यालय बंद का ऐलान

कैंपस में प्रशासन के इन्कार के बावजूद अफजल गुरू की बरसी के मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाने के खिलाफ एबीवीपी ने विश्वविद्यालय बंद का ऐलान किया है। जेएनयू छात्रसंघ के संयुक्त सचिव सौरभ का कहना है कि आयोजन के दौरान प्रशासन व सुरक्षाकर्मी कार्रवाई करने के बजाय मूक दर्शक बने रहे। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि इस आयोजन से जुडे़ लोगों को प्रशासन तुरंत बर्खास्त करे ताकि भविष्य में ऐसी देशविरोधी गतिविधियों का कैंपस में आयोजन न हो सके।


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