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    पुस्तक मेले में शुरू हुई छूट की लूट

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    Updated: Sat, 16 Jan 2016 08:11 PM (IST)

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली: हर माल 100 रुपये में, कविता हो या उपन्यास, कहानी संग्रह हो या फिर जीवन परिच ...और पढ़ें

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    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली: हर माल 100 रुपये में, कविता हो या उपन्यास, कहानी संग्रह हो या फिर जीवन परिचय। जी हां, कुछ इसी अंदाज में विश्व पुस्तक मेले के अंतिम दौर में प्रकाशक अपनी किताबों को बेचने में जुटे हुए हैं। रविवार को मेले का अंतिम दिन, पर शनिवार से ही छूट की लूट शुरू हो गई है। ज्यादातर प्रकाशक अब 10 से 20 फीसद और कुछ प्रकाशक 50 से 80 फीसद तक की छूट दे रहे हैं। छूट की इस शुरुआत का ही नतीजा रहा कि शनिवार को सुबह से ही मेले में भीड़ सामान्य दिनों की अपेक्षा अधिक रही।

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    मेले में हॉल नंबर 9,10,11 में शनिवार को छूट का सबसे अधिक असर देखने को मिला। यहां लगे जैन बुक स्टॉल पर उमड़ी भीड़ की वजह जब स्टॉल प्रबंधक से पूछी गई तो उनका कहना था कि मेले में एक दिन शेष रह गया है, इसलिए हमारी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा किताबें बेच ली जाएं। इसीलिए आखिरी दो दिन सभी किताबें 100 रुपये में बेची जा रही हैं। इसी तरह हॉल नंबर 10 में डॉ. भीमराव अम्बेडकर के जीवन से जुड़ी प्रेरणादायक किताबें 50 फीसद छूट के साथ बिक रही थीं।

    एक अन्य प्रकाशक शोभित आर्य ने बताया कि हम अपने यहां 500 रुपये कीमत की किताबों की खरीद पर 20 फीसद, 1000 रुपये की किताबों की खरीद पर 25 फीसद और 1500 रुपये की किताबों की खरीद पर 30 फीसद की छूट दे रहे हैं। अंतिम समय में ये छूट उन किताब प्रेमियों के लिए दी जा रही है, जो भारतीय कला, संस्कृति, योग व आयुर्वेद को हमारी किताबों के माध्यम से जानना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि छूट के जरिये किताबों की खरीद में कुछ इजाफा हुआ है और उम्मीद है कि रविवार को ये आंकड़ा और अधिक बढ़ेगा। ऐसे ही एक अन्य प्रकाशक ओमप्रकाश ने बताया कि हम अपने यहां उपलब्ध 50 रुपये कीमत की पुस्तक सत्यार्थ प्रकाश मात्र 10 रुपये में उपलब्ध करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक के प्रचार-प्रसार के लिए ऐसा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि न सिर्फ सत्यार्थ प्रकाश बल्कि हम चार वेदों पर आधारित किताबों पर भी 2000 रुपये तक की छूट दे रहे हैं। ये किताबें कुल 6100 रुपये की हैं, जिन्हें 4100 रुपये में उपलब्ध कराया जा रहा है। ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि ये पहला मौका है, जब युवा पीढ़ी भी इन वेदों पर आधारित किताबों को खूब पसंद कर रही है। खासतौर पर उसके अंग्रेजी वर्जन को।

    पाकिस्तान के प्रकाशकों की चांदी

    पुस्तक मेले में हिस्सा लेने लाहौर से दिल्ली पहुंचे पाकिस्तान के प्रकाशकों को भी भारतीय पाठकों का खूब प्यार मिल रहा है। हॉल नंबर सात में लगे पाकिस्तानी स्टॉल के मैनेजर शहजाद बताते हैं कि न सिर्फ शायरी बल्कि इतिहास, उर्दू साहित्य, काल्पनिक कथा व उपन्यास की भी भारतीय पाठक खूब मांग कर रहे हैं। शहजाद ने बताया कि सबसे ज्यादा खुशी की बात ये है कि लोग उर्दू भाषा में उपलब्ध इन किताबों को मूल रूप में स्वीकार कर रहे हैं। हिन्दी से उर्दू भाषा सिखाने वाली किताब भी खूब बिक रही है। शहजाद ने बताया कि जहां तक छूट की बात है तो हम भी 10 से 25 फीसद तक की छूट किताब प्रेमियों को दे रहे हैं।