'जाको राखे साइयां मार सके ना कोय'
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली: एक कहावत है कि 'जाको राखे साइयां मार सके ना कोय'। यह कहावत एक हादसे के दौरा
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली: एक कहावत है कि 'जाको राखे साइयां मार सके ना कोय'। यह कहावत एक हादसे के दौरान फिर सच साबित हुई है। दरअसल, कानपुर (उप्र) के रहने वाले 33 वर्षीय दशरथ के पेट में बांस के डंडे का करीब चार फुट हिस्सा घुस गया, पर गनीमत रही कि उनके शरीर का कोई भी महत्वपूर्ण अंग क्षतिग्रस्त नहीं हुआ और वे बच गए। इस मामले को देखकर सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टर भी हैरान हैं।
बताया जाता है कि दशरथ गुड़गांव में एक निर्माणाधीन साइट पर दो अक्टूबर को काम कर रहा था। इस दौरान वह 12 फुट की ऊंचाई से नीचे गिर गया। नीचे धुरमुठ रखा हुआ था। वह धुरमुठ में लगे बांस पर ही गिर गया, जिसके चलते बांस पेट के निचले हिस्से के बायीं ओर से प्रवेश कर दायें हाथ के कांख तक पहुंच गया। सफदरजंग अस्पताल के सर्जरी विभाग के सलाहकार व किडनी प्रत्यारोपण के प्रमुख डॉ. विमल भंडारी ने बताया कि घटना स्थल पर मौजूद दशरथ के किसी दोस्त ने ही बांस को बाहर निकाला। इसके बाद उसे इलाज के लिए सफदरजंग लाया गया था। उस वक्त पीड़ित के शरीर से अधिक रक्त स्राव हो रहा था। उसकी हालत देखकर लग रहा था कि शरीर के कई महत्वपूर्ण अंग लिवर, आंत, यूरिनरी ब्लाडर और फेफड़े क्षतिग्रस्त हो गए होंगे, लेकिन अल्ट्रासाउंड करने पर पता चला कि सभी महत्वपूर्ण अंग सुरक्षित हैं। फिर भी पीड़ित की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टर कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने पेट में चीरा लगाकर भी देखा कि कोई महत्वपूर्ण अंग प्रभावित तो नहीं हुआ है। बहरहाल मरीज के ठीक होने के बाद डॉक्टरों ने उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी है।
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