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    लेजर से मिर्गी की सर्जरी देखेगा पूरा देश

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    Updated: Thu, 26 Mar 2015 09:39 PM (IST)

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : आम लोगों में धारणा है कि मिर्गी का इलाज नहीं हो सकता। जबकि दवाओं से तो मिर

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : आम लोगों में धारणा है कि मिर्गी का इलाज नहीं हो सकता। जबकि दवाओं से तो मिर्गी का इलाज होता ही है, सर्जरी से भी इसका इलाज संभव है। हालांकि, देश के गिने चुने अस्पतालों में ही इसकी सर्जरी की सुविधा है। क्योंकि हर अस्पताल के डॉक्टर इसकी सर्जरी में दक्ष नहीं हैं। इसलिए मिर्गी की सर्जरी को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग की मदद से अगले महीने एम्स में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान देश में पहली बार लेजर से मिर्गी की सर्जरी की जाएगी।

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    मौजूदा समय में पांच अस्पतालों निम्हांस (राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और न्यूरो विज्ञान संस्थान), पीजीआइ चंडीगढ़, दिल्ली स्थित एम्स, संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ व सीएमसी वेल्लूर में मिर्गी की सर्जरी की जाती है। इसके अलावा देश के किसी भी सरकारी अस्पताल में सर्जरी की सुविधा नहीं है। लेकिन उक्त अस्पतालों में भी लेजर से मिर्गी की सर्जरी नहीं की जाती है। एम्स में नौ और 10 अप्रैल को मिर्गी की सर्जरी पर कार्यशाला आयोजित की गई है। यह कार्यशाला मिर्गी केंद्र द्वारा आयोजित की जा रही है। मिर्गी की सर्जरी को बढ़ावा देने के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग इसे फंड दे रहा है। इसका महत्व इससे भी समझा जा सकता है कि इसे भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद व भारतीय चिकित्सा परिषद भी सहयोग कर रहे हैं। ताकि दूसरे अस्पतालों के डॉक्टर भी मिर्गी की सर्जरी की तकनीक से अवगत हो सकें।

    वीडियो कांफ्रेंसिंग व यू-ट्यूब के जरिए देश भर में होगा प्रसारित

    आयोजन समिति के सह आयोजक सचिव डॉ. दीपक अग्रवाल ने कहा कि इस कार्यशाला में अमेरिका से भी विशेषज्ञ डॉक्टर पहुंच रहे हैं। जो लेजर अब्लेशन से मिर्गी की सर्जरी करने की विधि डॉक्टरों को बताएंगे। इस विधि में मस्तिष्क में सिर्फ एक छिद्र के जरिए लेजर से सर्जरी की जाती है। इसके अलावा यहां के विशेषज्ञ भी अन्य तरीकों से मिर्गी की सर्जरी करेंगे। दो दिनों में आठ मरीजों की सर्जरी की जाएगी। जिसे वीडियो कांफ्रेंसिंग और यू-ट्यूब के जरिए देश भर में प्रसारित किया जाएगा। इसके अलावा नेपाल के डॉक्टरों ने भी इसमें शामिल होने की इच्छा जाहिर की है। इसलिए वहां भी इसका प्रसारण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आनुवांशिक कारणों से मिर्गी की बीमारी होती है। इसके अलावा दिमाग में ट्यूमर या संक्रमण होने से भी मिर्गी के दौरे पड़ते हैं। देश की करीब दो फीसद आबादी इस बीमारी से पीड़ित है।

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