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    विधानसभा प्रोफाइल - संगम विहार

    By Edited By:
    Updated: Sat, 31 Jan 2015 07:27 PM (IST)

    फोटो- 29 ओकेएल 225, 226, 227 विधानसभा क्षेत्र - संगम विहार (49) प्रत्याशियों के नाम - डॉ. एससी

    फोटो- 29 ओकेएल 225, 226, 227

    विधानसभा क्षेत्र - संगम विहार (49)

    प्रत्याशियों के नाम -

    डॉ. एससीएल गुप्ता (भाजपा)

    दिनेश मोहानिया (आप)

    विष्णु स्वरूप अग्रवाल (कांग्रेस)

    प्रमुख इलाके -

    वर्ष 2008 में हुए परिसीमन के बाद संगम विहार विधानसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया। पहले यह क्षेत्र तुगलकाबाद विधानसभा क्षेत्र में आता था। क्षेत्र के प्रमुख इलाके संगम विहार ईस्ट, वेस्ट व सेंट्रल तथा तुगलकाबाद एक्सटेंशन हैं।

    सामाजिक समीकरण-

    संगम विहार एशिया की सबसे बड़ी अनधिकृत कॉलोनियों में से एक है। क्षेत्र में नगर निगम के चार वार्ड आते हैं। यहां 80 फीसद मतदाता उत्तर प्रदेश व बिहार के हैं। संगम विहार ओबीसी व अनुसूचित जाति बाहुल्य इलाका है। इसके अलावा यहां मुस्लिम व गुर्जर समुदाय के लोगों की भी अच्छी संख्या है। ब्राह्मण व वैश्य समुदाय के लोग भी विधानसभा क्षेत्र में अच्छी उपस्थिति रखते हैं।

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    जातीय समीकरण (फीसद में )

    सिख - 4

    जाट- 1

    ब्राह्माण- 9

    अनुसूचित जाति- 22

    वैश्य- 5

    पंजाबी- 2

    मुस्लिम- 15

    गुर्जर- 15

    ओबीसी- 27

    कुल मतदाता- 1,37,261

    पुरुष मतदाता- 81,681

    महिला मतदाता- 55,573

    अन्य मतदाता- 7

    पिछले विधानसभा चुनाव के आंकड़े:-

    कुल मतदाता -1,37,261

    कितने मत पड़े- 89,167

    ------------------

    पिछले विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों को मिले मत

    दिनेश मोहानिया (आप) - 24,851

    डॉ. एससीएल गुप्ता (भाजपा) - 24,074

    जगप्रवेश (कांग्रेस) - 16,435

    --------------

    दलों को प्राप्त मत

    आप - 27.87

    भाजपा - 27

    कांग्रेस - 18.43

    बसपा - 11.05

    जदयू- 10.10

    ------------------

    प्रमुख मुद्दे-

    -संगम विहार में पानी की आपूर्ति बोरवेल के भरोसे है। जल बोर्ड के पानी पर टैंकर माफियाओं ने कब्जा किया हुआ है। दिल्ली में भूमिगत जल के दोहन पर पाबंदी है, लेकिन सघन आबादी वाले इस क्षेत्र में अगर बोरवेल के पानी के इस्तेमाल पर रोक लगा दी जाए तो लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

    -भू-माफिया मनमाने तरीके से प्लॉट काटकर निम्न मध्यवर्गीय लोगों को बेच रहे हैं लेकिन बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना अहम सवाल है।

    -विधानसभा क्षेत्र का अधिकांश इलाका अनधिकृत रूप से बसा है। ऐसे में सभी इलाकों में सड़कें तक नहीं हैं। गत वर्षो में जो सड़कें बनी हैं, उन पर अतिक्रमण रहने से जाम की समस्या रहती है। इस समस्या से मुक्ति इस चुनाव में मुख्य मुद्दा है।

    -पूरे विधानसभा क्षेत्र में पार्किग के लिए लोगों को काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है। बाजार जाने वाले लोगों को गाड़ियां काफी दूर खड़ी करनी पड़ती हैं। यह स्थिति अनधिकृत कालोनियों में बने बाजारों में ही नहीं बल्कि क्षेत्र में स्थित अस्पताल, स्कूल, कालेज व अन्य शैक्षणिक संस्थानों की भी है।

    - पूरे इलाके में सीवर की भी गंभीर समस्या है।

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