आखिर बदली नीला गुंबद की सूरत
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : हुमायूं के मकबरे के बाहर दक्षिण-पूर्व भाग में बना नीला गुंबद पिछले कई वर्ष ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : हुमायूं के मकबरे के बाहर दक्षिण-पूर्व भाग में बना नीला गुंबद पिछले कई वर्षो से उपेक्षित था, लेकिन अब नए रूप में दिखाई देने लगा है। तीन साल की कड़ी मेहनत के बाद इसकी सूरत बदली जा सकी है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने अगले छह माह के अंदर इसका काम पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा है। काम पूरा होने पर यह स्मारक पूरी तरह से बदला-बदला नजर आएगा।
बता दें कि नीला गुंबद पिछले कई वर्षो से उपेक्षित था। इसका कारण गुंबद के आसपास की जमीन रेलवे के पास थी, जिसके लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण(एएसआइ) व आगा खा ट्रस्ट मिलकर प्रयास कर रहे थे। वहीं इस जगह की रेलवे को भी बहुत आवश्यकता थी, जिसके चलते रेलवे इस जगह को देने को तैयार नहीं था। मगर, बहुत प्रयास के बाद स्मारक के आसपास की जमीन एएसआइ के सहयोग से आगा खां ट्रस्ट रेलवे से प्राप्त करने में सफल रहा है।
एक माह में मिल जाएगी जमीन
आगा खां ट्रस्ट के दिल्ली चैप्टर के संयोजक रतीश नंदा का कहना है कि एक माह के अंदर जमीन रेलवे से हस्तांतरित हो जाएगी। उन्होंने बताया कि संरक्षण के कार्य के तहत स्मारक की दीवारों को कमजोर कर रहे चूना पत्थर को हटाकर साफ किया गया है। इन दीवारों पर उसी तरह से प्लास्टर किया गया है, जो कालांतर में नीला गुंबद पर हुआ करता था। इसके लिए वरिष्ठ इतिहासकारों व पुरातत्वविदों की राय ली गई है, जिसके बाद प्लास्टर का कार्य कराने का फैसला लिया गया है।
पहले की तरह की गई चित्रकारी
इसी प्रकार स्मारक के भूतल पर पत्थर लगाया जाएगा। स्मारक पर जिस तरह से चित्रकारी पहले थी, उसी तरह की चित्रकारी की गई है, इसमें अभी कुछ कार्य शेष रह गया है। संरक्षण के कार्य से जुड़े लोग उस समय हैरान रह गए, जब उन्होंने पाया कि गुंबद के नीली टाइल्स वाले हिस्से में तली की तरफ से नीले रंग की हवाई चप्पल लगी मिलीं। इसके बाद आगा खां ट्रस्ट ने इन चप्पलों को निकाल कर गुंबद में लगी टाइल्सों की मरम्मत कर उन्हें उसी स्थान पर लगाया है।
हरियाली की जाएगी विकसित
इसके अलावा स्मारक के ऊपरी भाग में खराब हो चुकीं नीली टाइल्स भी बदली जाएंगी। वहीं स्मारक के आसपास के इलाके में रेलवे से मिली जमीन पर हरियाली विकसित की जाएगी।
नीला गुंबद का इतिहास
हुमायूं के मकबरे के बाहर दक्षिण पूर्व भाग में एक नीली टाइल्सों से बना एक मकबरा है। यह माना जाता है कि इसे अब्दुर्रहीम खानखाना ने 1625 में बनवाया था। इस मकबरे के अंदर उसका एक वफादार फहीम खां दफन है।

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