Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    घिटोरनी गांव में टूटी सड़कें और गंदगी से पड़ता है वास्ता

    By Edited By:
    Updated: Wed, 28 May 2014 07:33 PM (IST)

    ...और पढ़ें

    Hero Image

    घिटोरनी गांव में घुसते ही इसकी दुर्दशा की कहानी अपने आप बयां होने लगती है। घिटोरनी मेट्रो स्टेशन के पास वाले प्रवेश द्वार पर ही कूड़े का बड़ा सा ढेर लगा है। यह इस बात का इशारा है कि गांव के अंदर कितनी सफाई की जाती होगी। करीब सौ मीटर चलने के बाद दाहिने तरफ मुड़ते ही टूटी सड़क से वास्ता पड़ता है। सड़क पर बने गड्ढों में कोई न कोई वाहन फंसा हुआ जरूर दिखाई दे जाएगा। इस रास्ते पर चलने से पहले बच्चे व बुजुर्ग कई बार सोचते होंगे। वापस मुख्य मार्ग पर ही थोड़ी दूर और चलने पर बायीं तरफ एक जर्जर मकान है। कहने को तो यह पंचायत घर है, लेकिन लोगों ने इसे पार्किग में तब्दील कर दिया है। पंचायत घर में शौचालय बना है, लेकिन उसमें दरवाजा नहीं है। एक गली पार करके वैश्य चौपाल का जर्जर भवन है। इसके पीछे वाली गली में घरों का गंदा पानी भरा होने के कारण रास्ता बंद है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गांव का इतिहास

    यह गांव करीब दो सौ वर्ष पहले बसाया गया था। तब गांव में तालाब, कुएं, पंचायत घर, चौपाल सब कुछ बनाया गया था। यहां सबसे अधिक आबादी गुर्जरों की है। ब्राह्मण, दलित आदि भी बड़ी संख्या में रहते हैं। गांव में सभी जाति-धर्म के लोग प्रेम व सौहार्द से रहते हैं।

    स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका

    गांव के युवाओं ने शुरू से ही स्वतंत्रता संघर्ष में जमकर योगदान दिया। गांव के बड़े-बुजुर्ग आज भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चौधरी खचेड़ू लोहिया के देश प्रेम की कहानियां बच्चों को सुनाते हैं। इससे नई पीढ़ी के लोगों को प्रेरणा मिलती है। गांव के श्यामलाल पहलवान भी स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े रहे। आजादी के बाद उन्होंने पुलिस सेवा ज्वाइन कर ली। गांव की नई पीढ़ी के लिए वह भी प्रेरणा स्रोत हैं।

    तीन प्रमुख समस्याएं

    1- सीवर की है प्रमुख समस्या घिटोरनी गांव में सबसे बड़ी समस्या सीवर की है। सीवर न होने की वजह से यहां के घरों का पानी नालियों में गिरता है, लेकिन नालियां व्यवस्थित तरीके से न बनी होने के कारण इनका पानी सड़कों पर ही भरा रहता है। इस पानी की वजह से गली की सड़कें बजबजाती रहती हैं। इनमें पनपने वाले मच्छर-मक्खियों की वजह से लोगों को कई तरह की बीमारिया हो रही हैं। इस पानी को निकालने की कोई व्यवस्था नहीं है। इस वजह से मार्ग पर कीचड़ भरी रहती है। बच्चों को स्कूल जाने के लिए इसी में होकर गुजरना पड़ता है। कभी कोई बीमार हो जाय तो यहां ऑटो वाले भी नहीं आते हैं। कीचड़ भरा होने के कारण सफाई करने के बावजूद घर गंदा ही रहता है।

    2- टूटी सड़कों से होती है दिक्कत

    टूटी सड़कों के कारण घिटोरनी गांव के लोगों का चलना दूभर है। वर्षो से मरम्मत न होने से इन सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। गांव में ज्यादातर लोगों के पास कारें हैं, लेकिन सड़कें सही न होने के कारण उन्हें गाड़ी चलाने में भारी परेशानी होती है। इन रास्तों पर चलने से गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। लोगों ने कई बार अधिकारियों को इन्हें सही करवाने के लिए लिखित शिकायत दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। जगह-जगह कूड़ा पड़ा होने से सड़कों की हालत दयनीय है। गांव में कूड़ा उठाने के लिए कोई सफाईकर्मी नहीं आता है, जिस कारण गंदगी का अंबार लगा रहता है।

    3- नहीं है पानी की व्यवस्था

    घिटोरनी गांव की प्यास बुझाने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी की व्यवस्था नहीं है। इस गांव में सोनिया विहार की पाइपलाइन आ गई, लेकिन इसमें पानी आने का इंतजार गांव वाले अब भी कर रहे हैं। यहां दिल्ली जल बोर्ड के बूस्टर से पानी सप्लाई की जाती है। लोगों का कहना है कि उन्हें जरूरत पर पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पाता है। इन्हें बोतल वाला पानी खरीदना पड़ता है, जो काफी महंगा पड़ता है। गर्मी बढ़ने के साथ ही पानी की समस्या ने और गंभीर रूप ले लिया है।

    समस्या के समाधान का प्रयास

    - सीवर डलवाने की मांग को लेकर गांव के निवासियों ने कई बार अधिकारियों के चक्कर लगाए, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। उन्हें सिर्फ आश्वासन ही दिया गया।

    - सड़कों की मरम्मत करवाने के लिए भी अधिकारियों से स्थानीय लोगों ने कई बार लिखित में गुजारिश की। यहां भी उनकी सुनवाई नहीं की गई।

    - गांव के लोगों ने कई बार अधिकारियों से कहा कि पीने की पानी सुविधा को दुरुस्त किया जाय। सोनिया विहार की जल आपूर्ति सुनिश्चित की जाय, लेकिन अब भी लोग इन कामों के पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं।

    पार्षद का कोट

    गांव के लोगों की समस्याओं को अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा। अधिकारियों से समय पर काम पूरा करवाने का प्रयास किया जाएगा। अपने क्षेत्राधिकार में आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए हम प्रयास कर रहे हैं। जल्द ही इसके परिणाम भी देखने को मिलेंगे।

    - अनीता त्यागी, निगम पार्षद, वार्ड 174

    लोगों के कोट

    गांव की आबादी बढ़ती जा रही है लेकिन सुविधाएं लगातार घटती जा रही हैं। गांव में अब तो किरायेदार भी रहते हैं। इसलिए जन सुविधाओं का अभाव होता जा रहा है। अधिकारियों को चाहिए कि वे हमारी समस्याओं का समाधान करें।

    -नाजुद्दीन

    गांव की सड़कों की मरम्मत नहीं हो रही है। सड़कें पूरी तरह से टूट चुकी हैं। इन पर चलना मुश्किल है। आये दिन सड़क हादसे होते हैं। अधिकारियों को कई बार पत्र भी लिखा गया, लेकिन अब तक किसी भी सड़क की मरम्मत नहीं हुई है।

    -संजय

    सड़कों पर भरे पानी को निकलवाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई। इससे लोगों को भारी परेशानी होती है। हम लोगों ने जब भी अधिकारियों से गांव की दशा सुधारने की मांग की, उन्होंने आश्वासन तो दिया लेकिन काम नहीं करवाया।

    -मनोज

    कूड़ा उठाने के लिए सफाईकर्मी नहीं आते हैं। इस कारण गांव में हर जगह कूड़ा-कचरा नजर आता है। गांव में डस्टबिन तो रखवा दिया गया, लेकिन इसे नियमित रूप से उठाने की व्यवस्था नहीं की गई। कूड़े की वजह से लोगों को विभिन्न बीमारियां भी हो रही हैं।

    -अनिल गुप्ता

    पीने का पानी सुचारू रूप से मिलने लगे तो हमारी जिंदगी में भी खुशहाली आ जाए। हमें टैंकरों से पानी खरीदना पड़ता है। पाइपलाइन से पानी की सप्लाई न होने के कारण हमें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस कारण हमें अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा तो पानी पर ही खर्च करना पड़ता है।

    -राम मेहर सिंह

    पिछले कई सालों से सड़क नहीं बनी हैं। इस कारण सड़कें दिन ब दिन बदतर होती जा रही हैं। इन मार्गो पर बाइक चलाते समय कई बार हादसे हो जाते हैं और लोग चोटिल हो जाते हैं। बारिश के दिनों में सड़क पर पानी लग जाता है जिससे हादसे होते हैं।

    -फूल देवी

    अधिकारी का पक्ष

    गांव में सीवर पहुंचाने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे। एमसीडी के अधिकार क्षेत्र में आने वाली समस्याओं के समाधान का प्रयास किया जाएगा। एमसीडी कार्यालय में गांव वालों की ओर से लिखित शिकायत मिलेगी तो इस पर जरूर कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों को इन कामों को प्राथमिकता से पूरे करने के निर्देश दिए जाएंगे।

    - मनीष गुप्ता, आयुक्त, नगर निगम दक्षिणी

    जागरण सुझाव

    - एमसीडी अधिकारियों को चाहिए कि वे गांव में सफाई व्यवस्था पर ध्यान दें।

    - सीवर की व्यवस्था को सुधारने के लिए उचित कदम उठाए जाएं और लोगों की समस्याओं को गंभीरता से लिया जाए।

    - सड़कों की मरम्मत करानी चाहिए ताकि सड़क हादसों को रोका जा सके।

    - जन प्रतिनिधियों को भी लोगों की समस्याओं का समाधान करवाने के लिए अधिकारियों तक उनकी बात पहुंचानी चाहिए।