बारिश से खीरा, ककड़ी व तरबूज की मांग घटी
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : बेमौसम बारिश से बेशक आमजन राहत महसूस कर रहा हो। मगर इसने किसानों की मेहनत पर पानी जरूर फेर दिया है। केशोपुर मंडी में माल पहुंचा रहे किसानों का कहना है कि ककड़ी, खरबूज, तरबूज और खीरा की बिक्री भीषण गर्मी और लू पर ही निर्भर करती है। लोग लू और गर्मी से बचने के लिए ही इनका उपयोग करते हैं। मगर रविवार को हुई तेजी बारिश से पारा काफी लुढ़का है।
इससे न केवल खीरा, ककड़ी, तरबूज और खरबूज की मांग में भारी गिरावट दर्ज की गई है। मंडियों में आवक बढ़ने के साथ ही इनकी कीमत में भी गिरावट आई है।
जो तरबूज और खरबूज तीन दिन पहले थोक भाव में क्रमश: 6 से 10 रुपये प्रतिकिलो की दर से बिक रहा था। वहीं तरबूज-खरबूज सोमवार को क्रमश: 4 से 6 रुपये प्रतिकिलो की दर से बिका। यही हाल खीरा और ककड़ी का भी रहा।
किसानों का कहना है कि बारिश से फसल को होने वाले नुकसान को कीटनाशक का उपयोग कर रोका जा सकता है। मगर पारा गिरने से खीरा, तरबूज में जो गिरावट आई है, यह नुकसान का अधिक कारण है। यही हाल सब्जियों का भी है। मंडियों में सब्जियों की आवक बढ़ने के साथ ही खरीदारी में कमी दर्ज की जा रही है।
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि बारिश से सब्जी की फसल को कोई नुकसान नहीं है। किसान थोड़ा ध्यान रखे और कीटनाशक का उपयोग करे ताकि फसल में कीड़ा न लगे। केशोपुर मंडी में इन फलों को बिक्री के लिए लाए किसानों का दर्द है कि बिक्री नहीं होने के चलते उन्हें माल की कीमत निकालने का भी डर सता रहा है।
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स्पीक आउट
अभी खेतों में फसल खड़ी हुई है। मगर जिस तरह से मौसम अपने तेवर दिखा रहा है। उससे लगता है कि इस बार खर्च निकालना भी मुश्किल है। बारिश होने से लोग तरबूज, खरबूज और ककड़ी खरीदने में कम रुचि ले रहे हैं।
-उमेश सिंह, किसान
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मंडी में माल भरा पड़ा है। मगर तरबूज और खरबूज के खरीदार कम हैं। यही हाल रहा तो इससे न केवल किसानों को आर्थिक नुकसान होगा, बल्कि आढ़तियों को भी खर्च निकालने में परेशानी होगी।
-ईश्वर सिंह, आढ़ती, नसीरपुर मंडी
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ताजा भाव - तीन दिन पहले के भाव
भिंडी 6 10
बैंगन 4 12
तौरी 3 07
घीया 2-3 05
पेठा 2 05
शिमला मिर्च 6 10
(सभी भाव थोक में प्रतिकिलो के हिसाब से हैं।)
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