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    बच्चे का कमर मोटा तो न करें नजरअंदाज

    By Edited By:
    Updated: Mon, 28 Apr 2014 08:32 PM (IST)

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    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : मोटापा के चलते बच्चों में बड़ों की तरह खतरनाक बीमारियां हो रही हैं। ऐसे में बच्चे का कमर यदि मोटा तो उसे नजर अंदाज नहीं करें। उम्र व लंबाई के अनुसार एक निश्चित साइज के बाद कमर की साइज यदि ज्यादा हो तो बच्चों में उपापचय रोग (मेटाबोलिक सिंड्रोम) होने का खतरा रहता है। दिल्ली सहित देश के पांच शहरों में हुए एक अध्ययन से इस बात का खुलासा हुआ है। अध्ययन में यह पाया गया है कि मोटापाग्रस्त व मोटे कमरे वाले 3.3 फीसद बच्चे उच्च रक्तचाप की बीमारी से ग्रसित हैं।

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    यह अध्ययन दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, पुणे व रायपुर में 10,842 बच्चों पर किया गया। इसका मकसद मोटापा ग्रस्त भारतीय बच्चों में उपापचय सिंड्रोम की स्क्रीनिंग के लिए एक निश्चित पैमाना तय करना था कि किस कमर साइज के बच्चों की स्क्रीनिंग जरूरी है। ताकि समय रहते उनका इलाज किया जा सके। यह अध्ययन एक मेडिकल जर्नल (जर्नल ऑफ पिडियाट्रिक) में प्रकाशित हो चुका है। शोध करने वाले डॉक्टरों में दिल्ली के गंगाराम अस्पताल की पिडियाट्रिक विशेषज्ञ डॉ. अर्चना दयाल आर्या शामिल थीं।

    2 से 18 साल तक के बच्चे शामिल

    पांचों शहरों के छह-छह स्कूलों के दो से 18 साल तक के बच्चों को अध्ययन में शामिल किया गया। जिसमें 6,065 लड़के व 4,777 लड़कियां थीं। इनमें दिल्ली के 2500 बच्चे शामिल थे।

    208 बच्चों में पाया गया सिंड्रोम

    इस अध्ययन में शामिल बच्चों में उपापचय सिंड्रोम का पता लगाने के लिए पांच चीजों बीएमआइ (बॉडी मास इंडेक्स), रक्तचाप, कॉलेस्ट्रॉल, खून में ट्राइग्लिसराइड व शुगर की जांच की गई। बच्चों की लंबाई, मोटाई व वजन के आधार पर बीएमआइ निकाला गया। अध्ययन में कहा गया है कि 208 बच्चों में उपापचय सिंड्रोम पाया गया। अर्थात इन बच्चों में तीन से ज्यादा विकार पाए गए। इन बच्चों के खून में ट्राइग्लिराइड की मात्रा अधिक, एचडीएल कॉलेस्ट्रॉल कम व शुगर की मात्रा अधिक पाई गई।

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    358 बच्चों को उच्च रक्तचाप की बीमारी

    डॉ. अर्चना ने बताया कि अध्ययन में 358 बच्चों में उच्च रक्तचाप की बीमारी पाई गई। इस अध्ययन का मकसद मोटापाग्रस्त बच्चों की स्क्रीनिंग के लिए एक दिशा-निर्देश तैयार करना है। अमेरिका में यह पैमाना है कि 90 परसेंटाइल कमर साइज वाले बच्चों में बीमारी होने का खतरा रहता है। वह पैमाना यहां लागू नहीं हो सकता। अध्ययन के मुताबिक, यहां 70 परेंसाइटल कमर साइज के बच्चों में बीमारियों का पता लगाने के लिए स्क्रीनिंग जरूरी है।

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    बॉक्स

    उम्र के अनुसार कितनी हो कमर की साइज

    उम्र लड़का लड़की

    2-5 20.59 20.59

    6-9 24.96 25.0

    10-14 30.55 30.51

    15-17 34.05 33.50 (इंच में)

    कोट ---------------

    बच्चों में मोटापे के मामले बढ़ रहे हैं। पेट का मोटापा भी खतरनाक है। हर ऐसी बीमारी के इलाज के लिए बच्चे आते हैं, जो बीमारी पहले बच्चों को नहीं होती थी। वह सिर्फ बड़ों को हुआ करती थीं। अब दस साल के बच्चों में उच्च रक्तचाप व मधुमेह की बीमारी हो रही है।

    - डॉ. अर्चना दयाल आर्या, पेडियाड्रिक इंडोक्रिनोलॉजिस्ट, गंगाराम अस्पताल