'सभी अधिकारों की जननी है अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता'
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : मानव अधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता विषय पर भारतीय मानव अधिकार संस्थान ने मानव अधिकार महासम्मेलन का आयोजन किया। महासम्मेलन में बुल्गारिया, डेनमार्क, गांबिया और इंडोनेशिया समेत अन्य देशों के उच्चायुक्त एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में उपस्थित विदेश राज्यमंत्री परनीत कौर ने लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वंतत्रता पर बल दिया।
परनीत कौर ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में आम जनमानस की अभिव्यक्ति महत्वपूर्ण है। यह जनता का मौलिक अधिकार है, इसलिए जनता के अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए। इस अवसर पर परनीत कौर ने मानव अधिकार संस्थान की सूचना पुस्तक का भी लोकार्पण किया। कार्यक्रम में भारतीय मानव अधिकार संस्थान के निदेशक डॉ. राहुल राय ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मानव अधिकारों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए है। इसके अंतर्गत वाक स्वतंत्रता, व्यक्तिगत राय, विचार एवं सूचना का आदान-प्रदान शामिल है।
बुल्गारिया गणतंत्र के राजदूत बोरिस्लाव कोस्टोव ने भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बल देते हुए कहा कि यह सभी स्वतंत्रताओं की जननी है। यह बिना किसी अवरोध और बिना किसी डर के विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता देती है। यह अधिकार समाज व देश के विकास में भी सहायक है। कार्यक्रम में डेनमार्क के राजदूत फ्रेडी स्वेन ने कहा कि यदि किसी समाज में व्यक्ति को स्वतंत्र अभिव्यक्ति का अधिकार हासिल नहीं होगा, तो वह समाज स्वतंत्र कहलाने के योग्य नहीं होगा। वहीं गांबिया के उच्चायुक्त डेम्बो एम बाडजी ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता व्यक्ति की क्षमता को मजबूत बनाने, निर्णय लेने तथा जनतंत्र में निर्विघ्न काम करने में सहायता करती है।
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