बेरोजगारों को दिया बागवानी व लैंडस्केपिंग का प्रशिक्षण
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जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : बागवानी व लैंडस्केपिंग (भू परिदृश्य निर्माण) व इसके प्रबंधन विषय पर कृषि विज्ञान केंद्र उजवा के तत्वावधान में बेरोजगार युवकों के लिए प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। सात दिन तक चले इस शिविर में युवाओं को बागवानी व लैंडस्केपिंग के व्यावसायिक पहलुओं के बारे में विस्तार से बताया गया।
लगातार बढ़ रहे शहरीकरण, आवासीय भूखंडों, कार्यालय, विद्यालय, अस्पताल व फार्म हाउस जैसी जगहों पर पार्क व लॉन बनाने का चलन धीरे- धीरे बढ़ता जा रहा है। इन जगहों पर अलंकृत पौधे लगाने का चलन अब पहले से काफी अधिक हो चुका है। अब लोग पार्क या लॉन बनाने से पहले विशेषज्ञ से इसका ले आउट तैयार कराते हैं। शिविर में बताया गया कि बागवानी व लैंडस्केपिंग से हरियाली को आकर्षक रूप तो दिया ही जाता है, साथ ही यह पर्यावरण के लिए फायदेमंद है। इस दौरान बागवानी की चुनौतियों के बारे में भी जानकारी दी गई। कीट व उससे बचने के उपायों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया। गमलों में मिट्टी व खाद का अनुपात, खरपतवार का प्रबंधन व पोषक तत्वों के बारे में जानकारी दी गई।
छज्जों पर भी हैंगिंग गार्डन
अब छत व बालकनी में बगिया बनाने का चलन काफी अधिक हो चुका है। लोग अब छज्जों पर भी हैंगिंग गार्डन तैयार करने में रुचि ले रहे हैं। ऐसे में अब इस क्षेत्र में व्यावसायिक लोगों की मांग बढ़ी है।
राकेश कुमार
बागवानी विशेषज्ञ, कृषि विज्ञान केंद्र, उजवा
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