एक पक्षी, जिसका नर सेता है अंडे
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : पक्षियों में आमतौर पर मादाएं अंडे सेती हैं, लेकिन मादा एमू अंडा देने के बाद उसे नर के हवाले कर छोड़ जाती है। नर एमू ही अंडा सेता है और बच्चे का पोषण करता है। इस पक्षी की खासियत है कि 58 से 60 दिनों की अंडे सेने की प्रक्रिया में नर एमू कभी उससे अलग नहीं होता है। आस्ट्रेलिया में पाए जाने वाले इस पक्षी के इस समय दिल्ली के चिड़ियाघर में 10 बच्चे तैयार हो चुके हैं। दो से ढाई मीटर ऊंचाई और शुतुरमुर्ग जैसे दिखने वाले इस पक्षी के सभी बच्चे अलग अलग बाड़े में नर एमू के साथ रह रहे हैं।
चिड़ियाघर के सूत्रों के मुताबिक अंडे सेने के दौरान नर एमू कभी अंडों अलग होते तो नहीं देखा गया, लेकिन उसके लिए जो खाना व पानी रखा जाता था अगले दिन वह समाप्त मिलता था। मंगलवार को जब चिड़ियाघर के अधिकारियों के साथ यह संवाददाता एमू के बाड़े में पहुंचा तो नर एमू गेट पर आ गया और आगे नहीं बढ़ने दिया। दरअसल अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर वह सतर्क था। चिड़ियाघर में इस समय 17 एमू हैं।
एमू शुतुरमुर्ग के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा पक्षी है। एमू पक्षी के भी शुतुरमुर्ग के समान पंख होते हुए भी वह उड़ नहीं सकता। यह एक भारी किंतु फुर्तीला पक्षी है। नर तथा मादा दोनों के गले के पास एक विचित्र सी थैली होती है, जिसमें हवा भर कर यह अनोखी आवाज निकालता है। एमू की टागें मजबूत और शक्तिशाली होती हैं। इनकी सहायता से यह पचास किमी प्रति घटा की गति से भाग सकता है। एमू आमतौर अपने शत्रुओं से डर कर भागता नहीं है, बल्कि उनका मुकाबला करता है। इसे सामूहिक जीवन अधिक प्रिय है। नर एमू एक ही मादा एमू के साथ समागम करता है तथा जीवन भर उसी के साथ रहता है।
यह धरातल से कुछ ऊंचाई पर गड्ढे़ में घासफूस व पत्तियों से अपना घोंसला बनाता है। एक मादा एमू छह से लेकर बारह तेरह तक हरे-नीले रंग के अंडे देती है।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।